इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में रविवार को 75 साल पुराना शास्त्री ब्रिज का एक हिस्सा ढह गया था. अब इस मामले में नगर निगम की महापौर परिषद के लोक निर्माण विभाग प्रभारी राजेंद्र राठौर ने चौंकाने वाला बयान दिया. उन्होंने कहा कि पुल के ढहने की वजह चूहे हैं. उनके अनुसार, पुल पर चूहों का इतना आतंक है कि उन्होंने फुटपाथ के नीचे कई बिल बना लिए हैं, जिससे पुल का कुछ हिस्सा खोखला हो गया और वह धंस गया.
राठौर ने कहा, 'पुल में कोई बड़ी संरचनात्मक खामी नहीं है, लेकिन चूहों के कारण मिट्टी और सीमेंट का क्षरण हुआ है. मरम्मत के लिए 40 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.' घटना के बाद इंदौर नगर निगम (IMC) ने गड्ढे की मरम्मत का काम तुरंत शुरू कर दिया. पुल के धंसने से करीब 5 बाय 7 फुट का बड़ा गड्ढा बन गया. सौभाग्य से कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई.
नगर निगम ने दावा किया है कि चूहों के प्रकोप से बचाव के लिए अब फुटपाथ के हिस्से को सीमेंट-कंक्रीट की नई परत से मजबूत किया जा रहा है. साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे पुल पर बैठे जरूरतमंदों को खाने-पीने की चीजें न दें, क्योंकि इससे चूहे आकर्षित होते हैं.
हालांकि सिविल इंजीनियरों ने इस दावे को नकार दिया है. शहर के श्री जीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SGSITS) के सिविल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों का कहना है कि पुल के धंसने की असली वजह वर्षों से रखरखाव की कमी और बढ़ता यातायात है. विशेषज्ञों ने कहा कि अकेले चूहे किसी पुल को इस हद तक कमजोर नहीं कर सकते.
सिविल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के मानकों के अनुसार, 25 साल से अधिक पुराने पुलों की नियमित मजबूती जांच और भार परीक्षण अनिवार्य होना चाहिए. वहीं, IMC के इंजीनियरों ने बताया कि मरम्मत कार्य IRC मानकों और SGSITS के सुझावों के तहत किया जा रहा है. मरम्मत पूरी होने के बाद पुल पर भार क्षमता परीक्षण किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सके.