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India Daily

'ट्रंप को भी नहीं पता वो कल क्या करेंगे', अमेरिकी राष्ट्रपति को लेकर थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी क्यों दिया ये बयान?

रीवा के टीआरएस कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आने वाले समय की सबसे बड़ी चुनौती अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता होगी.

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Edited By: Kuldeep Sharma
General Upendra Dwivedi
Courtesy: SOCIAL MEDIA

रीवा: थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को अपने गृह नगर रीवा के टीआरएस कॉलेज में छात्रों से संवाद के दौरान आधुनिक दौर की चुनौतियों पर खुलकर बात की.

 उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में अस्थिरता, अनिश्चितता और जटिलता इतनी तेजी से बढ़ रही है कि कोई भी यह नहीं जानता कि भविष्य क्या लेकर आएगा. उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, 'आज ट्रंप क्या कर रहे हैं, शायद ट्रंप खुद भी नहीं जानते कि वे कल क्या करने वाले हैं.'

भविष्य को लेकर अस्थिरता पर चिंता

जनरल द्विवेदी ने कहा कि आज के दौर में दुनिया अभूतपूर्व अस्थिरता के दौर से गुजर रही है. चाहे सुरक्षा हो या तकनीकी क्षेत्र, हर जगह अनिश्चितता बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 'instability, uncertainty, complexity, and ambiguity' यानी अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता ही सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी. उन्होंने कहा कि यह स्थिति केवल भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सामने एक नया सुरक्षा परिदृश्य खड़ा कर रही है.

'चुनौतियां इतनी तेजी से बदल रही हैं'

सेना प्रमुख ने कहा कि आज की स्थिति ऐसी है कि जब तक हम किसी पुरानी चुनौती को समझने की कोशिश करते हैं, तब तक एक नई चुनौती सामने खड़ी हो जाती है. उन्होंने कहा, 'चाहे सीमा पर स्थिति हो, आतंकवाद हो, प्राकृतिक आपदाएं हों या साइबर युद्ध, हर क्षेत्र में खतरे लगातार बदलते जा रहे हैं.' जनरल द्विवेदी के मुताबिक, सेना को अब पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ नई तकनीकों और उभरते खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा.

नई युद्ध अवधारणाएं स्पेस से साइबर तक

उन्होंने कहा कि अब युद्ध सिर्फ जमीन या सीमाओं तक सीमित नहीं रहा है. उन्होंने कहा 'अब स्पेस वारफेयर, सैटेलाइट, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और इंफॉर्मेशन वारफेयर जैसे नए क्षेत्र सामने आ चुके हैं.' जनरल द्विवेदी ने छात्रों को समझाया कि आज के युग में एक सैनिक को जमीन, आकाश और समुद्र, तीनों मोर्चों पर समान रूप से तैयार रहना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इन नई चुनौतियों के चलते सेना की रणनीति और प्रशिक्षण के तरीकों में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं.

'ऑपरेशन सिंदूर' और गलत सूचनाओं का खतरा

जनरल द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा कि हाल ही में कराची पर हमले जैसी झूठी खबरें फैलाई गईं, जो हमें भी हैरान कर देने वाली थीं. उन्होंने कहा, 'ऐसी खबरें आती हैं और हमें भी लगता है कि ये सच हैं. लेकिन हमें यह समझना होगा कि सूचना युद्ध (information warfare) अब एक वास्तविक खतरा बन चुका है.' उन्होंने कहा कि गलत सूचनाओं और दुष्प्रचार से बचाव भी आधुनिक युद्ध का अहम हिस्सा बन गया है.

युवाओं को दी प्रेरणादायक सीख

अपने संबोधन के अंत में जनरल द्विवेदी ने युवाओं से कहा कि वे खुद को हर परिस्थिति के लिए तैयार रखें और बदलाव को अवसर के रूप में देखें. उन्होंने कहा, 'आप और हम दोनों ही यह नहीं जानते कि भविष्य क्या लेकर आएगा, लेकिन हमें इस अनिश्चितता से डरना नहीं चाहिए. बल्कि इसे समझदारी से सामना करना चाहिए.' सेना प्रमुख ने युवाओं को नवाचार, तकनीक और नैतिकता को जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी.