menu-icon
India Daily

RCB Victory Parade Stampede: बेंगलुरु के विक्ट्री परेड में क्यों मची भगदड़, जानें क्या है कारण

RCB Victory Parade Stampede: बेंगलुरु के विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई है. यहां पर कई मौतें हो चुकी हैं और कई लोग घायल हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर इस भगदड़ के पीछे का असली कारण क्या है.

RCB Victory Parade Stampede
Courtesy: Social Media

RCB Victory Parade Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल 2025 की जीत का जश्न उस समय दुखद घटना में बदल गया, जब बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई. इस हादसे में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए. 

आरसीबी ने 18 साल के लंबे इंतजार के बाद पहली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की. इस जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों फैंस बुधवार शाम को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हो गए. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई लोग पेड़ों और बसों पर चढ़ गए, ताकि उन्हें अपनी टीम की एक झलक मिल सके. लेकिन यह उत्साह जल्द ही एक बड़े हादसे में बदल गया.

भगदड़ की वजह: बेकाबू भीड़ और अव्यवस्था

शाम को जैसे ही टीम स्टेडियम की ओर बढ़ी, फैंस की भीड़ बेकाबू हो गई. स्टेडियम के कई प्रवेश द्वारों पर लोगों का दबाव इतना बढ़ गया कि वहां भगदड़ मच गई. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया, लेकिन हालात संभल नहीं पाए.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बाद में बताया कि भीड़ इतनी ज्यादा थी कि प्रशासन के पास व्यवस्था करने का समय ही नहीं मिला. इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायलों को तुरंत बेंगलुरु के बावरिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.

पुलिस की चेतावनी और फैंस की बेकरारी

पुलिस ने कई बार फैंस से शांति बनाए रखने और अवैध तरीके से स्टेडियम में घुसने की कोशिश न करने की अपील की. इसके बावजूद भीड़ लगातार बेकाबू होती गई. फैंस की बेकरारी और अव्यवस्था इस भगदड़ की सबसे बड़ी वजह बनी. पुलिस ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया था, क्योंकि हजारों लोग एक साथ स्टेडियम के गेट की ओर बढ़ रहे थे.

कर्नाटक सरकार ने किया था टीम का सम्मान

इससे पहले दिन में, कर्नाटक सरकार ने आरसीबी टीम को सम्मानित किया था. यह समारोह बेहद भव्य था लेकिन उसके बाद होने वाली परेड को भारी भीड़ की वजह से रद्द करना पड़ा. डीके शिवकुमार ने कहा, "मुझे अभी मौतों की जानकारी नहीं है. मैं सम्मान समारोह में व्यस्त था. भीड़ पूरे रास्ते बेकाबू थी. मैं कर्नाटक के लोगों से माफी मांगता हूं कि भीड़ की वजह से परेड रद्द करनी पड़ी."