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मिड डे मील में नहीं मिलेगी चिक्की, बच्चों की हेल्थ को लेकर सरकार लिया ये बड़ा फैसला

कर्नाटका सरकार ने स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली चिक्की के वितरण पर रोक लगा दी है. धारवाड़ के डिप्टी कमिश्नर (स्कूल शिक्षा) की रिपोर्ट में कहा गया कि चिक्की में असंतृप्त वसा और चीनी की अधिक मात्रा है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है. एक्सपायर्ड चिक्की भी दी जाती थी.

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Edited By: Princy Sharma
Karnataka Stops Chikki From Mid-Day Meal
Courtesy: Pinterest

Karnataka Stops Chikki From Mid-Day Meal: कर्नाटका सरकार ने राज्य के स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली चिक्की (मूंगफली और गुड़ या चीनी से बनी कैंडी) के वितरण पर रोक लगा दी है. इसके पीछे कारण बच्चों की सेहत पर होने वाले इसके नकारात्मक प्रभाव बताए जा रहे हैं. 

धारवाड़ के डिप्टी कमिश्नर (स्कूल शिक्षा) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह बताया गया कि चिक्की में असंतृप्त वसा (unstaturated fats) और चीनी की अत्यधिक मात्रा है, जो बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कई बार चिक्की को ठीक से स्टोर नहीं किया जाता और कभी-कभी एक्सपायर्ड चिक्की भी बच्चों को दी जाती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे और बढ़ जाते हैं. 

कर्नाटका सरकार ने दिया आदेश

इसके बाद, कर्नाटका सरकार ने स्कूलों को आदेश दिया है कि वे चिक्की के स्थान पर अंडे या केले को मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को दें. आपको बता दें कि 2021 में चिक्की को अंडों के स्थान पर मिड डे मील में बच्चों को दिया जाने लगा था. राज्य सरकार ने उन बच्चों के लिए चिक्की को शामिल किया था, जो अंडे नहीं खाते थे. कर्नाटका मिल्क फेडरेशन से चिक्की के सैंपल लेकर उसे वितरण शुरू किया गया था. हालांकि अब इस निर्णय को लेकर चिंता जताई जा रही है क्योंकि इससे लगभग 8 लाख बच्चों को अब केवल केले या अंडे में से एक का चुनाव करना होगा. 

क्या कहते हैं आंकड़े

इसके बावजूद, भारतीय एक्सप्रेस को दिसंबर 2022 में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, केवल 2.27 लाख बच्चे चिक्की को मिड डे मील के रूप में पसंद करते थे. आंकड़ों के मुताबिक, करीब 80 प्रतिशत बच्चे अंडे को अपने मिड डे मील में पसंद करते थे. यह आंकड़े कक्षा 1 और कक्षा 8 के सरकारी स्कूलों के बच्चों से एक साल बाद एकत्रित किए गए थे, जब चिक्की को वैकल्पिक भोजन के रूप में पेश किया गया था.