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India Daily

कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कांग्रेस में खींचतान जारी, पार्टी के नोटिस के बावजूद MLA झुकने को तैयार नहीं

कर्नाटक में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने फिर से डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की, हालांकि पार्टी उन्हें पहले ही शो-कॉज नोटिस भेज चुकी है. इकबाल हुसैन ने कहा, 'शिवकुमार ने 140 सीटें जीतने में अहम भूमिका निभाई, उन्हें मौका मिलना चाहिए.'

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Edited By: Princy Sharma
Karnataka
Courtesy: Pinterest

कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने एक बार फिर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की खुलकर मांग की है. हैरानी की बात यह है कि उन्होंने यह बयान उस वक्त दोहराया जब कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पहले ही शो-कॉज नोटिस भेज रखा है.

इकबाल हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा, 'मैं अपने बयान पर कायम हूं. बदलाव की जरूरत है ताकि 2028 में कांग्रेस फिर से सत्ता में लौटे. डीके शिवकुमार ने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और 140 सीटें जिताने में बड़ी भूमिका निभाई. उन्हें मौका मिलना चाहिए.'

हुसैन ने कहा बदलाव जरूरी

हुसैन का कहना है कि उन्होंने अपनी बात कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला से भी सीधे तौर पर कही है. उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने मीडिया में बयान देने से मना किया था, लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि डीके शिवकुमार मेरे जिले से हैं और मैंने जो कहा वो पार्टी हित में है. उन्होंने ये भी कहा कि सिद्धारमैया पहले ही साढ़े सात साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं, अब बदलाव जरूरी है.

डीके शिवकुमार ने नोटिस जारी किया 

हालांकि इस बयान के बाद कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, जो खुद इस पूरे मामले के केंद्र में हैं, उन्होंने इकबाल हुसैन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. नोटिस में कहा गया कि उनके बयान से पार्टी में भ्रम और शर्मिंदगी फैली है, जो पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है.

नोटिस में क्या लिखा है?

नोटिस में साफ लिखा गया, 'आपने मीडिया में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर बयान दिया है, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है. यह अनुशासनहीनता है और इसे गंभीरता से लिया गया है. एक हफ्ते के अंदर आपको जवाब देना होगा.' कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने भी इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'सिद्धारमैया ही मुख्यमंत्री हैं और सभी को उनका समर्थन करना चाहिए. कोई भी नेता इस तरह के सार्वजनिक बयान न दे.'