Bengaluru Crowd Crush: बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी थी. किसी को स्टार खिलाड़ियों के साथ सेल्फी लेनी थी, तो कोई टीम को लाइव देखने आया था. मगर यह उत्साह और उमंग अचानक तबाही में बदल गया. स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा घायल हो गए. इस हादसे ने कई घरों को गहरे शोक में डुबो दिया.
मरने वालों में सबसे छोटी दिवांसी थी, जिसकी उम्र केवल 13 साल थी. वहीं, सबसे बड़े मृतक 33 वर्षीय मनोज थे. इस हादसे में जान गंवाने वालों में छात्र-छात्राएं, युवा नौकरीपेशा लोग और स्थानीय निवासी शामिल हैं. कोलार की साहना (24) हाल ही में एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी लगी थीं. आंध्र प्रदेश से आई 29 साल की युवती और कन्नूर का 17 वर्षीय शिवलिंग भी इस हादसे के शिकार हुए. मृतकों में कुछ की पहचान अब तक नहीं हो सकी है.
वायदेही और बोरिंग अस्पतालों में सबसे अधिक मौतें दर्ज की गई हैं. घायलों का इलाज वायदेही (14), बोरिंग (18), स्पर्श (5) और मणिपाल (3) अस्पतालों में चल रहा है. जब साहना का शव उनके घर पहुंचा, तो पूरे मोहल्ले में चीख-पुकार मच गई. एक पड़ोसी ने कहा, 'ये हादसा दिल तोड़ देने वाला है. सरकार को अब तो सबक लेना चाहिए.'
RCB ने दोपहर 3:14 बजे ‘X’ पर घोषणा की थी कि 5 बजे विक्ट्री परेड होगी और फ्री पास भी सीमित संख्या में मिलेंगे. लेकिन इससे पहले ट्रैफिक पुलिस सुबह 11:56 बजे ही कह चुकी थी कि कोई परेड नहीं होगी. इस भ्रम ने भीड़ को बेकाबू कर दिया.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि 'स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, लेकिन 2-3 लाख लोग पहुंच गए थे. लोगों ने गेट तोड़ने की कोशिश की, कुछ गिर पड़े और उनके ऊपर भीड़ चढ़ गई.' एक किलोमीटर की परिधि में 50,000 से अधिक लोग जमा थे. पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और मेट्रो ने कुछ स्टेशनों पर ट्रेनें रोकनी बंद कर दीं.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'इतनी भीड़ की किसी ने कल्पना नहीं की थी. विदान सौधा के सामने एक लाख लोग थे, लेकिन हादसा नहीं हुआ. यहां अव्यवस्था सामने आई है.' उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.