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हेमंत सोरेन बीजेपी से मिलाने जा रहे हाथ! जानें अचानक क्यों सत्ता परिवर्तन की खबरों ने बढ़ाई सियासी गर्मी?

हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी के दिल्ली दौरे से झारखंड में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. भाजपा और जेएमएम दोनों ने गठबंधन की अटकलों को खारिज किया है. विपक्ष और सोशल मीडिया में सत्ता परिवर्तन की चर्चा जारी है.

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Edited By: Km Jaya
Hemant Soren India daily
Courtesy: @HemantSorenJMM x account

रांची: झारखंड की राजनीति में फिर से हलचल तेज हो गई है और इसकी वजह है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का अचानक दिल्ली पहुंचना. दोनों के दिल्ली दौरे के बाद राज्य में राजनीतिक बदलाव की अटकलें तेजी से फैल गई हैं. चर्चा यह है कि क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा भाजपा के साथ कोई नया कदम उठाने वाली है या यह सिर्फ अफवाहें हैं. हालांकि दोनों दलों ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज किया है.

दिल्ली में हेमंत सोरेन की मौजूदगी के बीच भाजपा के सीनियर नेताओं से गुपचुप मुलाकात की खबरें सामने आईं. इसी बीच राज्यपाल संतोष गंगवार और अमित शाह की मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आने के बाद राजनीतिक हलचल और बढ़ गई है. सोशल मीडिया पर भी झारखंड में सत्ता परिवर्तन को लेकर चर्चा तेज है.

महुआ माझी ने इसपर क्या कहा?

जेएमएम सांसद महुआ माझी ने साफ कहा है कि हेमंत सोरेन किसी भी हालत में भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि जब हेमंत सोरेन पर कठिन समय था और उन्हें जेल भेजने का प्रयास हुआ, तब भी उन्होंने समझौता नहीं किया, तो अब भाजपा का हाथ क्यों थामेंगे. जेएमएम के प्रवक्ता कुणाल सारंगी ने भी इन खबरों को अफवाह बताते हुए कहा कि गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

भाजपा ने इसपर क्या कहा?

भाजपा की तरफ से भी इस चर्चा को खारिज किया गया है. भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि जेएमएम और भाजपा समुद्र के दो किनारे हैं, जो कभी नहीं मिल सकते. उनके अनुसार गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता. इधर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने भी साफ कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भाजपा के आगे नहीं झुकेंगे और राज्य की महागठबंधन सरकार उनके नेतृत्व में ही चलेगी.

दिल्ली दौरा पर क्यों हो रहा संदेह?

लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं माना जाता. यह भी याद किया जा रहा है कि हेमंत सोरेन पहली बार अर्जुन मुंडा की सरकार में भाजपा के समर्थन से उपमुख्यमंत्री बने थे. बाद में उन्होंने भाजपा से समर्थन वापस लेकर अर्जुन मुंडा की सरकार गिराई थी और कांग्रेस के समर्थन से 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे.

2014 के चुनाव में हार के बाद उन्होंने 2019 और फिर 2024 में महागठबंधन को जीत दिलाई और अभी मुख्यमंत्री के पद पर हैं. उनका दिल्ली दौरा भले ही आधिकारिक रूप से निजी बताया जा रहा हो, लेकिन इसके बाद झारखंड की राजनीति में जारी बवाल यह संकेत दे रहा है कि अभी आने वाले दिनों में हलचल और बढ़ सकती है.