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PESA Act: पेसा एक्ट लागू करने जा रही है सोरेन सरकार, जानें क्या है कानून और कैसे बदलेगी गांवो की तस्वीर?

PESA Act: हेमंत सोरेन सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में झारखंड के आदिवासी समुदायों के अधिकारों को मजबूत करने के लिए पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996, यानी पेसा एक्ट को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. इस दौरान अलग अलग सामाजिक संगठनों ने अपने सुझाव साझा किए, जिन्हें अंतिम मसौदे में शामिल करने की योजना है.  

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Edited By: Babli Rautela
PESA Act
Courtesy: Social Media

PESA Act: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के अधिकारों को मजबूत करने के लिए पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996, यानी पेसा एक्ट को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. 15 मई, 2025 को रांची में पंचायती राज विभाग ने एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें ‘झारखंड पंचायत प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) नियम, 2024’ के मसौदे पर चर्चा हुई. इस दौरान अलग अलग सामाजिक संगठनों ने अपने सुझाव साझा किए, जिन्हें अंतिम मसौदे में शामिल करने की योजना है.  

कार्यशाला में पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि हेमंत सरकार केंद्रीय कानून की भावना के अनुरूप पेसा एक्ट को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि सामाजिक संगठनों के सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा. 

झारखंड में लागू होगा पेसा एक्ट

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ और कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी मौजूद थीं. तिर्की ने इसे सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि संगठनों की चिंताओं को ध्यान में रखकर एक मजबूत मसौदा तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पहल के सकारात्मक परिणामों पर भरोसा जताया.  

क्या है पेसा एक्ट ?

पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996, जिसे पेसा एक्ट कहा जाता है, भारत के पांचवीं अनुसूची वाले क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने के लिए बनाया गया है. यह कानून 73वें संवैधानिक संशोधन के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार देता है. इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों को स्वशासन, जल-जंगल-जमीन पर अधिकार और अपनी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने की शक्ति देना है. 

पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभाओं को निम्नलिखित अधिकार मिलते हैं:  

  • भूमि अधिग्रहण से पहले ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य.  
  • छोटे खनिज, वन उपज और जल संसाधनों पर नियंत्रण.  
  • विकास योजनाओं को मंजूरी और लाभार्थियों का चयन.  
  • सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं का संरक्षण