Jharkhand GST Bigg Loss: केंद्रीय माल एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद झारखंड सरकार को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है. अब तक राज्य को 16,408.78 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है और आने वाले समय में यह और बढ़ने का अनुमान है. वाणिज्य कर विभाग (Department of Commerce) ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि अगले 5 सालों में (मार्च 2030 तक) झारखंड को करीब 61,677 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 में राज्य को 8136.05 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है, जो धीरे-धीरे बढ़कर 2029-30 तक 17,257.60 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा. अगर हम पिछले वर्षों की बात करें, तो जीएसटी लागू होने से पहले (एक जुलाई 2017 से मार्च 2018) तक राज्य के राजस्व में 297.16 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन उसके बाद से हर साल नुकसान का आंकड़ा बढ़ता गया है.
जीएसटी खपत आधारित है: जीएसटी के तहत अब राज्य को उस माल पर टैक्स नहीं मिलता, जो राज्य से बाहर भेजा जाता था. पहले, जब माल राज्य से बाहर भेजा जाता था, तो उस पर दो प्रतिशत केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) लगता था, जो राज्य के खाते में जाता था. अब, जब माल बाहर भेजा जाता है, तो जीएसटी से कोई लाभ नहीं मिलता.
प्रति व्यक्ति आय पर निर्भर खपत: झारखंड की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय रैंकिंग में 26वें स्थान पर है, जिससे राज्य में माल की खपत कम होती है. इसके कारण जीएसटी से होने वाला नुकसान भी बढ़ता है. जबकि बिहार जैसी राज्य में जहां प्रति व्यक्ति आय कम है, फिर भी राज्य को जीएसटी से होने वाला नुकसान झारखंड के मुकाबले कम है, क्योंकि वहां कोई बड़ी फैक्ट्री नहीं है.
इन कारणों के चलते झारखंड को जीएसटी लागू होने के बाद लगातार नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार के लिए इस समस्या को सुलझाना एक बड़ी चुनौती बन गई है.