रोहतक: हरियाणा के रोहतक जिले के गांव हुमायूपुर के 27 साल के रोहित धनखड़ की कुछ गुंडे बरातियों ने बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी. रोहित पैरा पावरलिफ्टिंग के तीन बार के नेशनल चैंपियन थे और इंटरनेशनल लेवल पर भी देश का नाम रोशन कर चुके थे.
वे सिर्फ इसलिए मारे गए क्योंकि उन्होंने शादी में आई लड़कियों से छेड़छाड़ करने वालों को टोका था. उन्हें इतना मारा गया कि रोहित ने अस्पताल में दम तोड़ दिया और अब न्याय की मांग हो रही है.
रोहित धनखड़ विकलांग श्रेणी में पावरलिफ्टिंग के बड़े खिलाड़ी थे. उन्होंने छह बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और तीन बार गोल्ड मेडल जीता. साल 2016 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें सम्मानित किया था. रोहित दुबई में भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके थे.
पिता की मौत के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी रोहित के कंधों पर थी. वे रोहतक के सेक्टर-4 जिमखाना क्लब में खुद ट्रेनिंग लेते थे और दूसरे विकलांग बच्चों को भी मुफ्त में सिखाते थे. गांव और आसपास के लोग उन्हें बहुत सम्मान देते थे.
रोहित अपने दोस्त जतिन के साथ भिवानी जिले के गांव रेवाड़ी खेड़ा में एक शादी में गए थे. यह शादी जतिन के जीजा की बहन की थी. वहां भिवानी के गांव तिगड़ाना से आई बरात के कुछ लड़के लड़कियों पर गंदी-गंदी टिप्पणियां कर रहे थे और छेड़छाड़ कर रहे थे.
रोहित ने बहादुरी दिखाई और उन्हें ऐसा करने से रोका. बात बढ़ी तो कहासुनी हो गई. बरातियों ने गुस्से में आकर धमकी दी लेकिन उस समय मामला शांत हो गया.
शादी खत्म होने के बाद रोहित और जतिन कार से अपने गांव बौंदकलां लौट रहे थे. रास्ते में चार कारों में आए बराती उनका पीछा करने लगे. रेलवे फाटक बंद होने की वजह से उनकी कार रुक गई. तभी हॉकी, डंडे और लोहे की रॉड लेकर आए 15-20 युवकों ने कार की खिड़कियां तोड़ीं और रोहित को बाहर खींच लिया.
जतिन किसी तरह कार भगाकर जान बचाकर भागे. हमलावरों ने रोहित को इतना मारा कि वह बेहोश हो गया. इसके बाद वे उसे सड़क पर छोड़कर भाग गए.
जतिन लौटकर आए और रोहित को भिवानी के अस्पताल ले गए. वहां से रोहतक के निजी अस्पताल और फिर पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान शनिवार दोपहर करीब 12 बजे रोहित ने दम तोड़ दिया.
रोहित के चाचा सूबेदार मेजर कप्तान सिंह (रिटायर्ड) ने बताया कि परिवार अब अनाथ सा हो गया है. रोहित ही कमाने वाला अकेला सदस्य था. परिवार ने भिवानी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पुलिस ने समय पर एमएलआर (मेडिको लीगल रिपोर्ट) नहीं करवाई, जिससे पोस्टमार्टम में दिक्कत आ रही है.