हरियाणा सरकार 29 मई 2025 को प्रदेश के सभी 22 जिलों में 'ऑपरेशन शील्ड' नामक एक व्यापक सुरक्षा अभ्यास आयोजित करेगी. बता दें कि, यह अभ्यास शाम 5 बजे शुरू होगा, जिसका उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में राज्य की तैयारियों को मजबूत करना और जवाबी कार्रवाई की क्षमता को परखना है. साथ ही अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार शाम को जम्मू -कश्मीर, पंजाब और गुजरात में भी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य आपातकालीन सिस्टम की कार्यक्षमता का परीक्षण करना है. "इसका मकसद नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और स्थानीय समुदाय के बीच तालमेल को बेहतर करना और कमजोरियों को पहचानना है, ताकि किसी भी संकट में त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान की जा सके." यह अभ्यास भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित किया जा रहा है.
हरियाणा सरकार के गृहमंत्रालय ने सभी अधिकारियों को दिए निर्देश
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि यह अभ्यास घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) के अनुरूप है, जिसे हरियाणा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत 28 जनवरी, 2025 को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया था, जो प्रभावी आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करता है. बुधवार को डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों, जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के अध्यक्ष भी हैं, उनके साथ-साथ पुलिस आयुक्तों और अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में मॉक ड्रिल की सावधानीपूर्वक योजना और क्रियान्वयन सुनिश्चित करें.
जानिए कौन-कौन होगा इसमें शामिल?
दरअसल, 'ऑपरेशन शील्ड' में नागरिक सुरक्षा वार्डन, पंजीकृत स्वयंसेवक, और युवा संगठन जैसे राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS), और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स हिस्सा लेंगे. ये संगठन आपातकालीन तैयारियों को और मजबूती प्रदान करेंगे.
15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट
वहीं, इस अभ्यास के दौरान रात 8 बजे से 8:15 बजे तक महत्वपूर्ण स्थानों पर 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट किया जाएगा. हालांकि, अस्पताल, फायर स्टेशन और पुलिस स्टेशन जैसी आवश्यक आपातकालीन सेवाएं इससे प्रभावित नहीं होंगी.
जानें अभ्यास की प्रमुख गतिविधियां
इस दौरान हवाई हमलों और ड्रोन हमलों जैसी युद्धकालीन परिस्थितियों का अनुकरण किया जाएगा. जहां सायरन बजाकर इनका जवाब देने की प्रक्रिया का परीक्षण होगा. इसके साथ ही, भारतीय वायु सेना के साथ संयुक्त नियंत्रण कक्ष की संचार हॉटलाइन की कार्यक्षमता भी जांची जाएगी. बता दें कि, यह अभ्यास हरियाणा की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.