Haryana IPS Puran Suicide Case: हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वाई एस पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या ली थी, जिसकी सूचना मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे मिली. सूत्रों का मानना है कि हालिया तबादले और एफआईआर के चलते वह तनाव में आ गए थे. हालांकि परिवार या प्रशासन की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है.
सूत्रों के अनुसार, उनकी आत्महत्या से ठीक एक दिन पहले अर्बन एस्टेट थाने में उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी. बताया जा रहा है कि इस एफआईआर को सार्वजनिक नहीं किया गया और ऑनलाइन भी अपडेट नहीं किया गया. इससे अधिकारी के मन पर भारी दबाव था. इतने वरिष्ठ अधिकारी पर अचानक एफआईआर दर्ज होना आसान नहीं होता, इसलिए वह मानसिक रूप से परेशान थे. पुलिस अब उनके मोबाइल डाटा और दस्तावेजों की जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की असली वजह पता लगाई जा सके.
पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. हाल ही में, 29 सितंबर को उनका तबादला रोहतक रेंज आईजी से सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (पीटीसी) में आईजी के पद पर किया गया था. खास बात यह है कि यहीं पर सुनारिया जेल भी है, जहां गुरमीत राम रहीम दुष्कर्म और हत्या मामले में सजा काट रहा है.
पुलिस ने घटनास्थल से जो दस्तावेज और मोबाइल फोन कब्जे में लिए हैं, उनकी जांच की जा रही है. अभी तक आत्महत्या की वजह को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी. मामले की जांच जारी है और अधिकारियों का कहना है कि पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक स्थिति सामने आएगी।
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घर से सर्विस रिवॉल्वर, मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज बरामद किए. अधिकारियों ने बताया कि आत्महत्या में इस्तेमाल की गई रिवॉल्वर बाद में उनके घर के तहखाने से उनकी बेटी को मिली. पूरन कुमार के करियर पर नजर डालें तो वह लंबे समय से हरियाणा पुलिस में विभिन्न पदों पर तैनात रहे. कुछ समय पहले उन्होंने 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के अधिकारियों की पदोन्नति पर सवाल उठाए थे. इसके बाद से वह प्रशासनिक चर्चाओं में भी बने रहे.