IPS Officer Suicide Case: हरियाणा पुलिस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने पूरे प्रशासनिक हलकों में सनसनी फैला दी है. मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास के बेसमेंट में उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी. पूरन कुमार (2001 बैच के आईपीएस अधिकारी) का शव गोली के घाव के साथ मिला और पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया.
इस हादसे के पीछे कथित तौर पर पांच सालों से चली आ रही मानसिक उत्पीड़न की कहानी है. पुलिस को घटनास्थल से आठ से नौ पेज का टाइप्ड और हस्ताक्षरयुक्त सुसाइड नोट मिला है. इसमें पूरन कुमार ने 10 से 12 वरिष्ठ अधिकारियों (सेवारत और सेवानिवृत्त) के नाम लेते हुए जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान का जिक्र किया है. नोट में लिखा है कि यह सब कुछ असहनीय हो गया था. वे अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से थे और प्रमोशन, पोस्टिंग व अन्य सुविधाओं में भेदभाव का शिकार बताए गए.
सुसाइड करने वाले IPS अधिकारी की पत्नी ने किस पर लगाए आरोप?
पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो खुद एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, ने बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. वे उस समय जापान में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली प्रतिनिधि मंडल के साथ थीं. खबर मिलते ही वे तुरंत भारत लौटीं. शिकायत में उन्होंने कहा, 'यह कोई साधारण आत्महत्या नहीं है, बल्कि सिस्टमेटिक उत्पीड़न का नतीजा है. मेरे पति को एससी समुदाय के अधिकारी होने के कारण शक्तिशाली वरिष्ठों ने मानसिक रूप से तोड़ा.'
पहले भी कई बार रहे चर्चा में
उन्होंने डीजीपी सत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरनिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (सेक्शन 108, भारतीय न्याय संहिता) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) एक्ट के तहत एफआईआर की मांग की. साथ ही दोनों अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी अपील की. पृष्ठभूमि में एक रिश्वत कांड भी जुड़ता है. पूरन कुमार हाल ही में 29 सितंबर को रोहतक रेंज के आईजी से ट्रांसफर होकर रोहतक के सुन्नरिया जेल ट्रेनिंग सेंटर भेजे गए थे. वे अवकाश पर थे. रोहतक में एक शराब ठेकेदार ने उनके करीबी हेड कांस्टेबल सुशील कुमार पर 2.5 लाख रुपये की मासिक रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. सुशील को गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में उसने पूरन कुमार के नाम पर पैसे इकट्ठा करने की बात स्वीकार की.
2033 में रिटायर होने वाले थे पूरन कुमार
ऑडियो-वीडियो सबूत भी मिले हैं. हालांकि पूरन कुमार का नाम एफआईआर में आया, लेकिन ऑनलाइन अपलोड नहीं हुआ. इंजीनियरिंग ग्रेजुएट, 19 मई 1973 को जन्मे पूरन कुमार 2033 में रिटायर होने वाले थे. पहले भी उन्होंने प्रमोशन में अनियमितताओं, होम मिनिस्ट्री नियमों के उल्लंघन और एससी अधिकारियों के साथ भेदभाव पर सीएम को कई पत्र लिखे थे. 2020 में एक मंदिर दर्शन पर भी विवाद हुआ था.