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Yamuna Breaches Danger Mark: दिल्ली में फिर बेकाबू हुई यमुना! खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा पानी, बारिश ने बढ़ाई टेंशन

Yamuna Breaches Danger Mark: दिल्ली में लगातार बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. पुराने लोहे के पुल से बहता पानी खतरे की सीमा 205.33 मीटर को पार कर चुका है. प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए राहत शिविर लगाए हैं.

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Edited By: Babli Rautela
Yamuna Breaches Danger Mark
Courtesy: X

Yamuna Breaches Danger Mark: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. गुरुवार को पुराने लोहे के पुल से ली गई तस्वीरों में साफ दिखा कि पानी का स्तर 205.33 मीटर को पार कर चुका है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, शुक्रवार रात 9 बजे यमुना का जलस्तर 205.39 मीटर दर्ज किया गया था. वहीं सुबह यह स्तर 204.61 मीटर था, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण शाम तक नदी का पानी खतरे की सीमा पार कर गया है.

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो रही है. 28 अगस्त को राजधानी में हुई तेज बारिश के बाद मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था. बारिश के कारण यमुना का जलस्तर लगातार ऊपर जा रहा है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को आसमान में बादल छाए रहने और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है.  

बाढ़ से निपटने की तैयारी

दिल्ली प्रशासन ने बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए कई कदम उठाए हैं. पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार इलाके में जिला मजिस्ट्रेट (ईस्ट) की ओर से बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बताया कि वजीराबाद से हर घंटे करीब 41,206 क्यूसेक पानी और हथिनीकुंड बैराज से लगभग 55,830 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. यही वजह है कि यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

यूपी में भी बढ़ा खतरा

यमुना का बढ़ता जलस्तर सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के इलाकों को भी प्रभावित कर रहा है. प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से हालात बिगड़ गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज में जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर से महज एक मीटर नीचे है. इसके चलते 200 से ज्यादा परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है.

दिल्ली में यमुना नदी के लिए चेतावनी स्तर 204.5 मीटर, खतरे का निशान 205.3 मीटर और निकासी का निशान 206 मीटर तय है. इस समय नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और यदि पानी का स्तर 206 मीटर तक पहुंचा, तो बड़े पैमाने पर निकासी की जरूरत होगी. पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ खतरों पर नज़र रखने का सबसे अहम अवलोकन बिंदु माना जाता है.