Commonwealth Games 2030: राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके भारत ने शुक्रवार को लंदन में राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स) कार्यालय में 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की बोली औपचारिक रूप से जमा कर दी. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गुजरात सरकार के खेल मंत्री हर्ष सांघवी ने किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमदाबाद को इस आयोजन का मेजबान शहर चुना गया है. हाल ही में केंद्र सरकार की कैबिनेट ने भारत की इस बोली को मंजूरी दी थी.
बोली को राष्ट्रमंडल खेलों के अंतरिम अध्यक्ष डोनाल्ड रुकारे को सौंपा गया, जिसमें गुजरात सरकार और भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ के अधिकारियों की मौजूदगी रही. खास बात यह है कि कैबिनेट ने अहमदाबाद को राष्ट्रमंडल खेलों की शताब्दी संस्करण के लिए मेजबान शहर के रूप में चुना है. इस प्रतिनिधिमंडल में गुजरात के खेल मंत्री हर्ष सांघवी के साथ-साथ भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के सीईओ रघुराम अय्यर, गुजरात सरकार के प्रधान सचिव अश्विनी कुमार, IOA के कार्यकारी समिति के सदस्य हरपाल सिंह और अर्न्स्ट एंड यंग के प्रशु जैन शामिल थे.
Today, India formally submitted its Bid Proposal at the Commonwealth Sport Headquarters in London. https://t.co/9Y2dOw9Lqw pic.twitter.com/Ci6QKVj4tJ
— ANI (@ANI) August 29, 2025
अहमदाबाद: शताब्दी संस्करण का मेजबान
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “यह बोली अहमदाबाद को राष्ट्रमंडल खेलों के शताब्दी संस्करण के मेजबान शहर के रूप में प्रस्तुत करती है, जो राष्ट्रमंडल खेलों के 100 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है.” भारत ने इस आयोजन को समावेशी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर जोर दिया है. बयान में कहा गया, “प्रस्ताव भारत की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो एक टिकाऊ, समावेशी और राष्ट्रमंडल के गेम्स रीसेट सिद्धांतों के अनुरूप आयोजन को सुनिश्चित करता है.”
खेलों का ऐतिहासिक महत्व
हर्ष सांघवी ने बोली जमा करने के अवसर पर कहा कि 2030 राष्ट्रमंडल खेल भारत और राष्ट्रमंडल दोनों के लिए विशेष महत्व रखते हैं. “यह आयोजन खेल उत्कृष्टता, एकता और राष्ट्रमंडल के साझा मूल्यों की एक सदी का प्रतीक होगा, जिससे शताब्दी संस्करण एक ऐतिहासिक उत्सव बनेगा,” उन्होंने कहा.
भारत की प्रतिबद्धता
भारत ने इस बोली के माध्यम से अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है कि वह एक ऐसे आयोजन की मेजबानी करेगा, जो न केवल खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता स्थापित करेगा, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक समावेश को भी बढ़ावा देगा. अहमदाबाद, जो पहले भी कई बड़े आयोजनों की मेजबानी कर चुका है, अब इस वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार है.