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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के सख्त नियम लागू, जानिए क्या है नई पाबंदियां

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने सख्त नियम लागू किए हैं. पुराने वाहनों की एंट्री बैन, ऑफिस टाइम बदले, पार्किंग फीस बढ़ाई और कारपूलिंग को बढ़ावा दिया गया.

Delhi pollution India Daily
Courtesy: Credit: AI

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. पिछले एक सप्ताह से दिल्ली प्रदूषण की चपेट में है, जिससे आम जनता को सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. शनिवार सुबह 8 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 355 दर्ज किया गया, जबकि कई इलाकों में स्थिति और भी खराब रही.

सबसे प्रदूषित क्षेत्र बवाना रहा, जहां AQI 410 तक पहुंच गया, जबकि द्वारका में यह अपेक्षाकृत बेहतर 201 दर्ज किया गया. लगातार बिगड़ती हवा की स्थिति को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इन उपायों का उद्देश्य वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करना और ट्रैफिक जाम पर नियंत्रण पाना है.

गैर-बीएस-III वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर प्रतिबंध

1 नवंबर से कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सभी गैर-Delhi रजिस्टर्ड BS-III और उससे नीचे के मानक वाले वाणिज्यिक वाहनों की राजधानी में प्रवेश पर रोक लगा दी है. यह निर्णय दिल्ली-एनसीआर में वाहनों से निकलने वाले धुएं को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है.

आदेश के अनुसार, लाइट गुड्स व्हीकल (LGV), मीडियम गुड्स व्हीकल (MGV) और हेवी गुड्स व्हीकल (HGV) जो BS-IV मानक से नीचे हैं, उन्हें अब दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश नहीं मिलेगा. भारत स्टेज (Bharat Stage) मानक वाहनों से होने वाले प्रदूषण की सीमा तय करते हैं. फिलहाल BS-VI (BS-6) सबसे स्वच्छ और उन्नत मानक है.

सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरकारी और नगर निगम कार्यालयों के कार्य समय में बदलाव की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के पीक आवर में भीड़ को कम करने के लिए यह कदम जरूरी था. वर्तमान में दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 9:30 बजे से 6:00 बजे तक, जबकि MCD दफ्तर 9:00 बजे से 5:30 बजे तक चलते हैं. अब समय में अधिक अंतर रखा जाएगा ताकि एक साथ ट्रैफिक का दबाव न बढ़े.

 मुख्यमंत्री की कारपूल अपील

मुख्यमंत्री ने नागरिकों से कारपूलिंग और साझा सवारी का उपयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें ताकि सड़क पर निजी वाहनों की संख्या घटे.
उन्होंने निजी कंपनियों से भी अनुरोध किया कि कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए, ताकि प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल सके.

पार्किंग शुल्क दोगुना

नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-2 के तहत पार्किंग शुल्क दोगुना कर दिया है. अब कार के लिए ₹40 प्रति घंटा, दोपहिया के लिए ₹20 प्रति घंटा और बस के लिए ₹300 प्रति घंटा शुल्क देना होगा.
हालांकि, यह दरें ऑन-स्ट्रीट पार्किंग और मासिक पास धारकों पर लागू नहीं होंगी.

अधिकारियों ने बताया कि हर साल सर्दियों में यह कदम इसलिए उठाया जाता है ताकि लोग निजी वाहन चलाने के बजाय ग्रीन ट्रांसपोर्ट विकल्पों का चयन करें. दिल्ली की हवा में घुलता जहर राजधानी के लिए लगातार चिंता का विषय बना हुआ है. सरकार का दावा है कि इन कदमों से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आएगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि केवल अस्थायी उपायों से स्थायी समाधान संभव नहीं. जनता की भागीदारी और जागरूकता ही इस धुंध को छांट सकती है.