रोहिणी: दिल्ली के रोहिणी इलाके में रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास छोटी-छोटी झोपड़ियों के एक हिस्से में भीषण आग लग गई. अधिकारियों के मुताबिक, आग से कई कच्चे घर जलकर राख हो गए और एक बच्चा घायल हो गया. बता दें कि इस आग के बारे में दिल्ली फायर सर्विस को रात करीब 10:56 बजे मदद के लिए पहली कॉल मिली.
बचा दें कि आग बंगाली बस्ती में लगी थी. यह रिठाला मेट्रो स्टेशन और दिल्ली जल बोर्ड ऑफिस के बीच एक घनी आबादी वाली झुग्गी बस्ती है. शुरुआत में, फायर सर्विस ने मौके पर 15 फायर ट्रक भेजे गए, लेकिन जैसे ही आग फैल गई और फायर इंजन बुलाने पड़े. इस आग को बुझाने के लिए 29 फायर टेंडरों ने पूरी रात काम किया. कई घंटों बाद आग पर काबू पा लिया गया.
#WATCH दिल्ली: रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास झुग्गी बस्तियों में भीषण आग लगी। आग बुझाने का कार्य जारी है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 7, 2025
अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। pic.twitter.com/ksw22qCYTU
सीनियर फायर ऑफिसर एसके दुआ के मुताबिक, आग इतनी तीव्र थी कि इसे देखते हुए इसे मीडियम कैटेगरी की आग घोषित कर दिया गया है. इस घटना में एक बच्चा भायल हो गया. इसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. इस घटना में किसी की मौत या गंभीर चोट की खबर नहीं है.
#WATCH दिल्ली | अग्निशमन अधिकारी एसके दुआ ने कहा, "हमें सूचना मिली कि रिठाला मेट्रो स्टेशन और दिल्ली जल बोर्ड के बीच स्थित बंगाली बस्ती की झोपड़ियों में आग लग गई है। दमकल की गाड़ियाँ मौके पर भेजी गईं... कुल 29 दमकल गाड़ियां मौके पर हैं और आग पर अब काबू पा लिया गया है। एक बच्चा… https://t.co/bGjpQlaWBi pic.twitter.com/6KKs9FGZ51
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 7, 2025
इलाके में रहने वाले लोगों ने बताया कि आग लकड़ी, प्लास्टिक शीट और तिरपाल से बनी घनी झोपड़ियों में तेजी से फैल गई. ये चीजें आसानी से आग पकड़ लेती हैं, जिससे आग की लपटों को रोकना मुश्किल हो जाता है. आग के दौरान झोपड़ियों के अंदर रखे कुछ एलपीजी सिलेंडर फट गए. इससे हवा में घना धुआं भर गया. लोग घरों से निकलकर भाग गए और जो भी सामान ले जा सके वो ले गए.
पुलिस अधिकारियों ने लोगों की सुरक्षा के लिए और फायर फाइटरों को अपना काम करने में मदद करने के लिए इलाके को तुरंत सील कर दिया. अगर आग आस-पास की इमारतों में फैलती तो उसके लिए अतिरिक्त फायर इंजन तैयार रखे गए थे. एक DFS अधिकारी ने बताया कि उनकी टीमें आग पर काबू पाने, भीड़ को दूर रखने और जिन लोगों के घर जल गए थे, उनकी मदद करने के लिए पुलिस के साथ लगातार काम कर रही थीं.