करीब 20 साल के लंबे इंतजार के बाद, दिल्ली चिड़ियाघर (नेशनल जूलॉजिकल पार्क) में एक बार फिर ऊदबिलाव (Otters) नजर आएंगे. 2004 में यहां आखिरी ऊदबिलाव की मौत के बाद इस प्रजाति को फिर से लाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं थीं. लेकिन अब सूरत चिड़ियाघर से ऊदबिलाव की एक जोड़ी को दिल्ली लाने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है.
दिल्ली चिड़ियाघर को अब सूरत से स्मूद-कोटेड ऊदबिलाव (Smooth-coated Otters) की एक जोड़ी मिलने जा रही है. यह पहल दोनों चिड़ियाघरों के बीच पशु-विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा है. इसके तहत दिल्ली से दो जोड़ी संगाई हिरण (Sangai Deer) सूरत भेजे जाएंगे. दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि उनके पास फिलहाल 80 से अधिक संगाई हैं, जो देशभर के किसी भी चिड़ियाघर में सबसे अधिक हैं. इसीलिए कुछ हिरणों को सूरत भेजने का फैसला लिया गया है.
यह ट्रांसफर पहले मार्च 2025 में ही तय हो गया था. उस समय दिल्ली से एक टीम सूरत गई थी, जहां उन्होंने ऊदबिलावों के रहन-सहन, खानपान और परिवहन की स्थिति का निरीक्षण किया था. लेकिन मार्च में अत्यधिक गर्मी और यात्रा के अनुकूल वातावरण न होने के कारण ट्रांसफर को टाल दिया गया था. अधिकारियों के अनुसार, दोनों पक्षों के लिए सुरक्षित और आरामदायक माहौल सुनिश्चित करना जरूरी है, तभी पशुओं की शिफ्टिंग संभव होती है.
ऊदबिलावों की वापसी से दिल्ली चिड़ियाघर में मौजूद प्रजातियों की कुल संख्या 96 हो जाएगी. यह न केवल चिड़ियाघर की जैव विविधता को बढ़ाएगा, बल्कि दर्शकों के लिए भी एक नया आकर्षण बनेगा. निदेशक संजीत कुमार ने कहा, "2004 में हमने अपना आखिरी ऊदबिलाव खो दिया था, तब से अब तक यहां कोई ऊदबिलाव नहीं था. इस बार का विनिमय हमारे लिए बड़ा कदम है."
दिल्ली चिड़ियाघर में फिलहाल एक व्यापक पुनर्विकास योजना पर भी काम चल रहा है. इस योजना के तहत मुख्य द्वार पर एक मल्टी-यूटिलिटी प्लाजा, नई पार्किंग जोन, कांच की दीवारों वाले एनक्लोजर और अंडरवॉटर एक्वेरियम जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. इसका उद्देश्य न केवल पशुओं के रहने के स्तर को बेहतर बनाना है, बल्कि आगंतुकों के अनुभव को भी आधुनिक और दिलचस्प बनाना है.
गौरतलब है कि 1959 में स्थापित दिल्ली चिड़ियाघर देश के सबसे प्रसिद्ध और सबसे अधिक देखे जाने वाले चिड़ियाघरों में गिना जाता है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन आने वाला यह चिड़ियाघर अब न केवल नई प्रजातियों के आगमन की तैयारी कर रहा है, बल्कि संरचना और सुविधा के स्तर पर भी एक नए युग में प्रवेश कर रहा है. ऊदबिलावों की यह वापसी इसी विकास की एक सुंदर झलक है.