सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने हाल ही में लोकसभा में सांसद दरोगा प्रसाद सरोज के एक सवाल के जवाब में देश के टोल प्लाजाओं की कमाई और बुढ़नपुर-वाराणसी सड़क परियोजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. मंत्रालय के अनुसार, देशभर में संचालित 1,087 टोल प्लाजाओं से प्रतिदिन औसतन 168 करोड़ रुपये की वसूली हो रही है. यह आंकड़ा भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की वित्तीय ताकत और इसके आर्थिक महत्व को उजागर करता है.
मंत्रालय ने बुढ़नपुर-वाराणसी सड़क परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. यह सड़क दो हिस्सों में विकसित की गई है: पहला हिस्सा बुढ़नपुर से गोंसाई की बाजार बायपास तक और दूसरा हिस्सा गोंसाई की बाजार बायपास से वाराणसी तक. इस परियोजना की कुल लागत 5,746.97 करोड़ रुपये है. अब तक इस सड़क से टोल वसूली के माध्यम से 73.47 करोड़ रुपये की आय हुई है.
लागत से ज्यादा उपयोग शुल्क
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि टोल वसूली का उद्देश्य केवल परियोजना की लागत की वसूली तक सीमित नहीं है. बल्कि, राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रहण) नियम, 2008 के अनुसार, टोल एक उपयोग शुल्क (User Fee) के रूप में लिया जाता है. यह शुल्क सड़कों के रखरखाव, उन्नयन और संचालन के लिए उपयोग किया जाता है. टोल की अवधि और दरें सरकारी या निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के आधार पर तय की जाती हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि टोल वसूली से प्राप्त धनराशि का उपयोग सड़क बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और नई परियोजनाओं के विकास में किया जाता है.
टोल प्लाजाओं की कमाई
लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश के 1,087 टोल प्लाजा प्रतिदिन 168 करोड़ रुपये की कमाई कर रहे हैं, जो सालाना लगभग 61,320 करोड़ रुपये के बराबर है. यह राशि भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के विस्तार और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मंत्रालय के आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में टोल प्लाजाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें 2019-20 से 2023-24 के बीच 457 नए टोल प्लाजा स्थापित किए गए हैं.
देश में टोल प्लाजा और सरकार की आमदनी
जून 2025 तक कुल टोल प्लाजा: 1,087
दैनिक टोल आय: 168.24 करोड़ रुपये