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India Daily

AIIMS Delhi Wait Time: AIIMS में अब ऑपरेशन के लिए लंबी कतार, नॉन इंमरजेंसी सर्जरी के लिए वर्षों तक इंतजार

AIIMS दिल्ली में नॉन इमरजेंसी सर्जरी के लिए दो साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है. सरकार ने राज्यसभा में बताया कि इमरजेंसी मामलों की सर्जरी तुरंत हो रही है, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण सामान्य मामलों में देरी हो रही है.

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
AIIMS Delhi
Courtesy: Social Media

AIIMS Delhi Wait Time: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी AIIMS दिल्ली में गैर-आपातकालीन सर्जरी के लिए मरीजों को दो साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है. यह जानकारी मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी. भारी मरीज भार को इसकी प्रमुख वजह बताया गया है. हालांकि, सरकार ने आश्वस्त किया कि आपात और गंभीर मामलों की सर्जरी प्राथमिकता के आधार पर बिना देरी की जा रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के सवाल का लिखित उत्तर देते हुए केंद्रीय आयुष मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि योजना अनुसार की जाने वाली प्रक्रियाओं के लिए सामान्य प्रतीक्षा अवधि दो साल तक हो सकती है.

मरीजों को करना पड़ता है लंबा इंतजार

AIIMS दिल्ली देश का प्रमुख तृतीयक देखभाल अस्पताल है, जहां देशभर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. यह स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है. यहां की चिकित्सा सुविधाएं व्यापक हैं, लेकिन अत्यधिक मरीजों के कारण कई प्रक्रियाओं के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है.

गंभीर मामलों में भी लंबा इंतजार

उत्तर में बताया गया कि सामान्य सर्जरी जैसे गंभीर मामलों में प्रतीक्षा अवधि दो महीने तक है. स्त्री रोग मामलों में, खासकर कैंसर से संबंधित मामलों के लिए, तीन महीने तक का समय लग सकता है. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी के मामलों में स्थिति की गंभीरता के अनुसार तीन से छह महीने का इंतजार हो सकता है.

आपात और गंभीर मामलों की सर्जरी

हालांकि, न्यूरोसर्जरी और कार्डियो-थोरैसिक-वैस्कुलर यूनिट जैसे विभागों में आपात और गंभीर मामलों की सर्जरी बिना किसी देरी के की जा रही है लेकिन ऐसी प्रक्रियाएं जो तत्काल नहीं हैं, उनके लिए सामान्य प्रतीक्षा समय दो वर्ष तक हो सकता है.

न्यूरोसर्जरी का इंतजार

फिलहाल, 1,324 मरीज न्यूरोसर्जरी का इंतजार कर रहे हैं, जबकि 690 मरीज कार्डियो-थोरैसिक-वैस्कुलर सर्जरी के लिए कतार में हैं. सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में 305 और कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए 28 मरीज प्रतीक्षा में हैं.

डोनर की उपलब्धता पर निर्भर

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि हृदय रोग या अंतिम चरण की किडनी बीमारी से जूझ रहे मरीजों जिनके पास डोनर उपलब्ध हैं उनको एक साल से अधिक की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ रही है. इसी तरह पुनर्स्थापनीय लीवर रोगों के मामलों में भी कोई प्रतीक्षा नहीं है. लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी डोनर की उपलब्धता पर निर्भर करती है.