Delhi BMW accident: दिल्ली के धौला कुआं इलाके में रविवार को हुए दर्दनाक हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. तेज रफ्तार BMW से टकराने के बाद मोटरसाइकिल सवार वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई और उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गईं.
लेकिन इस मामले में सबसे बड़ी बहस इस बात को लेकर छिड़ गई है कि आरोपी गगनप्रीत कौर ने उन्हें पास के अस्पताल की बजाय 19 किलोमीटर दूर ले जाने का निर्देश क्यों दिया. पुलिस जांच और पीड़ित परिवार के बयान इस सवाल को और गंभीर बना रहे हैं.
पुलिस पूछताछ में गगनप्रीत कौर ने कहा कि वह उस समय घबराई हुई थीं और उन्हें केवल उसी अस्पताल का नाम याद आया, जहां उनके बच्चे कोविड महामारी के दौरान भर्ती हुए थे. उनका कहना है कि इसी वजह से उन्होंने पीड़ितों को GTB नगर स्थित उस अस्पताल ले जाने को कहा. हालांकि पुलिस ने पुष्टि की कि मौके पर मौजूद डिलीवरी वैन चालक ने भी आरोपी के कहने पर पीड़ितों को वहां पहुंचाया.
नवजोत सिंह की पत्नी और बेटे का आरोप है कि गगनप्रीत कौर ने जानबूझकर पास के अस्पतालों को नजरअंदाज किया. पत्नी संदीप कौर ने एफआईआर में कहा कि हादसे के बाद उनके पति जीवित थे और उन्होंने कई बार आरोपी से पास के ट्रॉमा सेंटर चलने की गुहार लगाई, लेकिन गगनप्रीत ने उनकी एक नहीं सुनी. बेटे ने तो यहां तक दावा किया कि आरोपी ने उन्हें उस अस्पताल में इसलिए पहुंचाया क्योंकि अस्पताल मालिक उनके परिचित थे.
डिलीवरी वैन चलाने वाले मोहम्मद गुलफाम ने बताया कि उन्होंने हादसा देखा और मदद के लिए रुके. उन्होंने कहा कि गगनप्रीत के कहने पर ही उन्होंने पीड़ितों को उस निजी अस्पताल तक पहुंचाया. गुलफाम ने यह भी माना कि उस वक्त उन्होंने वही किया जो उन्हें सही लगा. वहीं मौके पर मौजूद अन्य लोगों का कहना है कि हादसे के तुरंत बाद सही इलाज मिलने पर नवजोत सिंह की जान बच सकती थी.
हादसे में BMW और मोटरसाइकिल दोनों को जब्त कर लिया गया है. फॉरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल की जांच की है. गगनप्रीत कौर और उनके पति, जो खुद भी घायल हुए थे, फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. कोर्ट ने आरोपी को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई 17 सितंबर को होगी. इस बीच सवाल यही है कि क्या अस्पताल दूर ले जाने का फैसला एक गलती थी या इसके पीछे कोई और वजह छिपी है.