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'गैस चेंबर' बनी दिल्ली में AQI 400 के पार, घुट रहा लोगों का दम, कई इलाके 'रेड जोन' में

दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को बेहद खराब हो गई, कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. पराली जलाने और वाहनों के उत्सर्जन से प्रदूषण बढ़ा. डॉक्टरों ने प्रदूषण से मस्तिष्क और फेफड़ों पर गंभीर प्रभाव की चेतावनी दी है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Delhi air pollution India Daily
Courtesy: Gemini AI

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ गई। शहर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर पहुंच गया, जिसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। जहरीली धुंध की मोटी परत ने दिल्ली को एक बार फिर ‘गैस चेंबर’ में बदल दिया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शाम 4 बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 361 दर्ज किया गया, जिससे यह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। शुक्रवार को यह आंकड़ा 322 था।

राजधानी के कई इलाके ‘रेड जोन’ में

CPCB के समीर ऐप के मुताबिक, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गई — वज़ीरपुर (420), बुराड़ी (418), विवेक विहार (411), नेहरू नगर (406), अलीपुर (404) और आईटीओ (402) पर रिकॉर्ड की गई। एनसीआर क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा। नोएडा में AQI 354, ग्रेटर नोएडा में 336 और गाजियाबाद में 339 रहा, सभी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में।

मुख्य प्रदूषक और पराली की भूमिका

शनिवार को PM 2.5 और PM 10 प्रदूषण के प्रमुख कारण रहे। निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 30% और वाहनों से उत्सर्जन 15.2% रहा। उपग्रह आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को पंजाब में 100, हरियाणा में 18 और उत्तर प्रदेश में 164 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं।

सरकारी कदम: दफ्तरों के समय में बदलाव और एंटी-स्मॉग गन

बिगड़ती हवा को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरकारी कार्यालयों के कार्य समय में बदलाव की घोषणा की है। दिल्ली सरकार के दफ्तर अब सुबह 10:00 से शाम 6:30 बजे तक चलेंगे। एमसीडी कार्यालय सुबह 8:30 से शाम 5:00 बजे तक काम करेंगे। यह व्यवस्था 15 फरवरी 2026 तक लागू रहेगी, ताकि ट्रैफिक और वाहन उत्सर्जन कम हो सके।

इसके अलावा, लोक निर्माण विभाग (PWD) अक्टूबर 2025 से फरवरी 2026 तक 200 ट्रक-माउंटेड एंटी-स्मॉग गन लगाएगा। 58.8 करोड़ रुपये की लागत वाले ये उपकरण प्रतिदिन दो पालियों में काम करेंगे। साथ ही, G+5 मंजिलों से ऊपर की सभी इमारतों में भी एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया गया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली की जहरीली हवा फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग पर भी असर डाल रही है। फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विनीत बंगा के अनुसार, जब PM2.5 कण रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं, तो वे मस्तिष्क तक पहुंचकर सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं। इससे सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, थकान और मनोदशा में बदलाव हो सकता है।

उन्होंने सलाह दी कि जब AQI ‘खराब’ या ‘गंभीर’ हो, तो लोग घर में रहें, N95 मास्क पहनें, पानी अधिक पिएं और कठिन व्यायाम से बचें। दिल्ली की हवा लगातार बिगड़ रही है, और पूर्वानुमानों के मुताबिक, आने वाले दिनों में भी स्थिति में खास सुधार की उम्मीद नहीं है।