Drunk Teacher Dancing With Girls: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक बेहद चौंकाने वाला व शर्मनाक मामला सामने आया है. वड्रफनगर ब्लॉक के पशुपतिपुर प्राथमिक स्कूल में तैनात, शिक्षक और हेडमास्टर लक्ष्मी नारायण सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसने सभी की सांसें रोक दी हैं. इस वीडियो में नशे में धुत लक्ष्मी नारायण सिंह, बच्चियों के साथ गलत तरीके से नाचते हुए नजर आ रहे हैं. यह घटना न सिर्फ सेलिब्रिटी नाच की तरह दिखाई जाती है, बल्कि यह शिक्षण संस्थान में सुरक्षा और मर्यादा के भंग का गंभीर संकेत भी है.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि सिंह मोबाइल पर संगीत बजवा रहे हैं और बच्चियों के साथ मिलकर शरीर के निकट डांस मूव्स कर रहे हैं. वीडियो बना स्कूल का एक स्टाफ वार्डन या अन्य कर्मचारी ने, जिसे यह नकारनीय हरकत अवश्य ही गलत लगी होगी. वायरल क्लिप देखते ही देखते सोशल मीडिया की चौकियों तक पहुंच गया है और लोगों में भारी आलोचना व आक्रोश उभर रहा है.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार नहीं जब शिक्षक ने नशे में स्कूल आकर अनुशासनहीनता और अभद्रता दिखाई हो. कई छात्रों ने बताया कि सिंह ने कुछ छात्रों को शारीरिक दंड दिया है और अक्सर विद्यालय की मान्यता को धक्का देती गतिविधियां करते रहे हैं. इससे साफ है कि अभिभावकों का जीवन में कहीं कहीं डर और संदेहों का बोलबाला रहा होगा.
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में स्कूल में शराब के नशे में धुत शिक्षक का बच्चीयों के साथ डांस करने का विडियो आया सामने
— Labhesh Ghosh (Bhilai Times) (@labheshghosh) July 3, 2025
मोबाईल में गाना बजा कर बच्चीयों के साथ डांस कर रहे हैं शिक्षक
बच्चों ने शिक्षक पर रोज शराब पिकर स्कूल आने एवं मारपीट करने का लगाया आरोप pic.twitter.com/PnOXfH6akN
वीडियो वायरल होते ही जिला शिक्षा अधिकारी डी.एन. मिश्रा ने लक्ष्मी नारायण सिंह को निलंबित कर दिया. साथ ही उन्हें बलरामपुर डीईओ कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया. डीईओ ने वड्रफनगर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार से जांच रिपोर्ट तलब की है, ताकि इस मामले में पूर्ण स्वतंत्रता और पारदर्शिता से निष्पक्ष निर्णय लिया जा सके.
स्थानीय विधायक शकुंतला पोर्टे ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने इसे शिक्षक की गरिमा भंग करने वाला, गलत और अभद्र व्यवहार बताया और ऐसी गतिविधियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर शिक्षक दोषी पाया गया, तो उसे जीवन भर के लिए शिक्षण संस्थानों से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
इस तरह की लापरवाही से यह शिक्षा संस्थान विद्यालय से डर और शर्म का केंद्र बन गया है. अभिभावक और छात्र शिक्षक को रोल मॉडल समझने की उम्मीद करते हैं, लेकिन अब उनके मन में भिश्रम और निराशा हावी है. अब देखना यह है कि प्रशासन किस तेज और न्यायपूर्ण कार्रवाई के साथ इस घटना को सजा दिलाता है, ताकि भविष्य में इस तरह की शर्मसारीजनक हरकतों का पुनरावृत्ति न हो.