Dalai Lama Birthday: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रविवार को परम पावन 14वें दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन हुआ. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हुए उनकी उपस्थिति को भारत के लिए गौरव का विषय बताया. समारोह में प्रार्थनाएं, श्रद्धांजलि और आध्यात्मिक उत्साह का अनूठा संगम देखने को मिला.
धर्मशाला के मैक्लॉडगंज में स्थित मुख्य दलाई लामा मंदिर में आयोजित समारोह में हजारों अनुयायियों ने हिस्सा लिया. इसके साथ ही शिमला के पास दोरजीदक मठ में निर्वासित तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष प्रार्थनाएं कीं. इस मील के पत्थर को चिह्नित करने के लिए आयोजित समारोह में दलाई लामा के दीर्घायु और वैश्विक शांति के लिए प्रार्थनाएं की गईं. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "...आपकी पवित्रता, आप एक आध्यात्मिक नेता से भी बढ़कर हैं. आप प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विश्व के बीच एक जीवंत सेतु हैं." उन्होंने आगे कहा, "हम अपने देश में उनकी उपस्थिति से धन्य महसूस करते हैं, जिसे वह अपनी 'आर्यभूमि' मानते हैं."
#WATCH | Dharamshala | Union Ministers Kiren Rijiju, Rajiv Ranjan (Lalan) Singh and Hollywood actor Richard Gere and others present rise to the Tibetan and Indian national anthems at the beginning of the 90th birthday celebrations of the 14th Dalai Lama pic.twitter.com/UC2DZcJrxu
— ANI (@ANI) July 6, 2025
दलाई लामा का संदेश
जन्मदिन की पूर्व संध्या पर दलाई लामा ने अपने निर्वासन के जीवन पर विचार साझा किए. उन्होंने कहा, "हालांकि हमने अपना देश खो दिया है और हम भारत में निर्वासन में रह रहे हैं, लेकिन यहीं पर मैं जीवों को काफी लाभ पहुंचाने में सक्षम रहा हूं. जो यहां धर्मशाला में रहते हैं. मैं जितना संभव हो सके जीवों को लाभ पहुंचाने और उनकी सेवा करने का इरादा रखता हूं."
उत्तराधिकार पर बहस और भारत की स्थिति
यह समारोह दलाई लामा के उत्तराधिकार को लेकर चल रही बहस के बीच हुआ, जो भारत और चीन के बीच एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है. हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दावा किया कि अगले दलाई लामा का चयन बीजिंग द्वारा अनुमोदित प्रक्रिया के तहत होना चाहिए. इस बयान को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया. रिजिजू ने भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा, "एक श्रद्धालु के रूप में और दुनिया भर के लाखों श्रद्धालुओं की ओर से मैं यह कहना चाहता हूं कि परम पावन द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, स्थापित परंपराएं और रूढ़ियां होंगी, हम उसका पूरी तरह से पालन करेंगे और दलाई लामा की संस्था द्वारा जारी किए जाने वाले निर्देशों और दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे."
दलाई लामा का स्पष्ट संदेश
दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के चयन को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया उनकी स्थापित गैर-लाभकारी संस्था गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा की जाएगी. उन्होंने किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को साफ तौर पर अस्वीकार किया, जिसे व्यापक रूप से चीन के प्रति एक कड़ा संदेश माना जा रहा है.
आध्यात्मिकता और शांति का प्रतीक
धर्मशाला में आयोजित यह समारोह न केवल दलाई लामा के 90वें जन्मदिन का उत्सव था, बल्कि उनकी शिक्षाओं और वैश्विक शांति के प्रति उनके योगदान का सम्मान भी था. यह आयोजन भारत और तिब्बती समुदाय के बीच गहरे रिश्ते को और मजबूत करने का प्रतीक बना.