Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी उन विधानसभा सीटों पर वोटर लिस्ट से नाम हटवाने की कोशिश कर रही है, जहां पिछले चुनावों में हार-जीत का अंतर बेहद कम था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तेजस्वी यादव ने अपने एक्स पोस्ट में दावा किया यदि सिर्फ एक प्रतिशत मतदाताओं को भी हटाया जाता है, तो करीब 7.90 लाख वोटर सूची से बाहर हो सकते हैं क्योंकि राज्य में कुल 7.90 करोड़ मतदाता हैं. तेजस्वी यादव ने ये भी चेताया कि बीजेपी का इरादा इस बार करीब 4-5 प्रतिशत वोट काटने का है. उन्होंने ये भी कहा कि यदि 243 विधानसभा क्षेत्रों में इन वोटों को बराबर बांटा जाए, तो लगभग हर सीट से 3,251 वोट कटेंगे.
तेजस्वी ने आगे बताया कि बिहार में 77,895 पोलिंग बूथ हैं, और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औसतन 320 बूथ होते हैं. अगर प्रत्येक बूथ से सिर्फ 10 वोट भी काटे जाएं, तो एक विधानसभा क्षेत्र से कुल 3,200 वोट हट जाएंगे. उन्होंने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2015 में 3,000 से कम वोटों के अंतर से 15 सीटों पर परिणाम तय हुए थे, जबकि 2020 में ऐसी 35 सीटें थीं। वहीं, 5,000 से कम मतों के अंतर से हार-जीत वाली सीटों की संख्या 2015 में 32 और 2020 में 52 थी.
तेजस्वी यादव ने आशंका जताई कि बीजेपी चुनाव आयोग के माध्यम से विशेष रूप से ऐसी सीटों को निशाना बना रही है जहां जीत-हार का अंतर कम होता है. उन्होंने कहा कि चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों को निशाना बनाकर वोटरों को सूची से बाहर किया जा रहा है.
तेजस्वी ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे प्रत्येक बूथ पर सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि गरीब और अनपढ़ नागरिकों का नाम वोटर लिस्ट से न हटे. उन्होंने बताया कि गठबंधन कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं और फार्म भरने में भी मदद कर रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिशें सफल नहीं होने दी जाएंगी.