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Monsoon in Bihar: उत्तरकाशी के बाद अब बिहार पर मानसून की मार! 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, पूर्णिया में रिकॉर्ड बारिश

मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि भारी बारिश की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर शरण लें. जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनने पर ऊंचे इलाकों की ओर रुख करें. किसानों को सलाह दी गई है कि खेतों में जाने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें.

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Edited By: Reepu Kumari
Heavy rain in Bihar
Courtesy: Pinterest

Monsoon in Bihar: देशभर में मानसून ने अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है. उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने के बाद आसपास के राज्यों में इसका असर हो रहा है. अब बिहार में भी मौसम तेजी से बदल रहा है. राज्यभर में जोरदार बारिश शुरु हो गई है. पिछले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में भयंकर बारिश, गरज-चमक के साथ वज्रपात ने सबको सहमा दिया है. पूर्णिया में रिकॉर्ड 270.6 मिमी बारिश हुई है. खतरे को देखते हुए पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिए गए हैं.  वहीं, राजधानी पटना में भी मानसूनी बादलों की दस्तक से जनजीवन प्रभावित हो रहा है.

मौसम विभाग पटना ने अगले कुछ दिनों के लिए 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. साथ ही कुछ और जिलों में येलो अलर्ट जारी कर चेतावनी दी गई है कि लोग सावधानी बरतें. हवा की रफ्तार, बिजली गिरने और जलभराव के कारण हालात और खराब हो सकते हैं.

19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित

पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी है कि अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, जहानाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, बेगूसराय, खगाड़िया, भागलपुर, मुंगेर, जमुई, बांका और सुपौल में भारी बारिश की आशंका है. 

इन जिलों में है येलो अलर्ट

येलो अलर्ट वाले जिलों में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, अरवल और औरंगाबाद शामिल हैं. यहां भी तेज बारिश, आंधी और बिजली गिरने की आशंका है.

तेज हवा और वज्रपात का खतरा

अलर्ट वाले जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. इसके साथ ही तेज गर्जना और वज्रपात भी हो सकता है. ऐसे में खुले मैदानों और ऊंचे पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है.

एडवाइजरी में क्या कहा गया

मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि भारी बारिश की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर शरण लें. जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनने पर ऊंचे इलाकों की ओर रुख करें. किसानों को सलाह दी गई है कि खेतों में जाने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें. बिहार में सबसे अधिक बारिश पूर्णिया में दर्ज की गई है. 

जलस्तर की निगरानी

खबर एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी दिव्या शक्ति ने कहा, 'हम लोग के द्वारा लगातार नदी में बढ़ते जलस्तर की निगरानी की जा रही है साथ ही सभी राहत केंद्र को चिन्हित करके वहां पर जो भी मूल्यभूत सुविधाएं होनी चाहिए उसके लिए तैयारी कर ली गई है इसके साथ ही लोगों के वहां से निकलने के लिए नवों की व्यवस्था की गई है....'.