बिहार के जहानाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए पूर्व आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने भीड़ में से एक शख्स को जमकर लताड़ा, जो “अबकी बार तेजस्वी सरकार” का नारा लगा रहा था. यह घटना 30 अगस्त 2025, शनिवार रात 10:15 बजे तक चर्चा में रही. तेज प्रताप ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मंच से कहा, “यहां बकवास मत करो… सरकार लोगों द्वारा बनती है, किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं. किसी को इस पर अहंकार नहीं करना चाहिए. ‘जो घमंड में रहेगा, वही जल्दी गिरेगा.
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, तेज प्रताप ने आगे कहा कि कुछ लोग उनकी “टीम तेज प्रताप यादव” को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, “किसी ने मुझे तोड़ने की कोशिश की, लेकिन भगवान ने मुझे दूसरा मौका दिया. जो अपने लोगों के प्रति वफादार नहीं हो सकता, वह नागरिकों के लिए क्या करेगा? मुझे मुख्यमंत्री बनने की लालसा नहीं है.” उनका यह बयान सियासी गलियारों में हलचल मचा गया है, क्योंकि यह महागठबंधन के भीतर एकता और नेतृत्व को लेकर सवाल उठाता है.
VIDEO | Former RJD leader Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) calls out a person in the crowd who shouted ‘Abki Baar Tejashwi Sarkar', while addressing a gathering in Jehanabad, Bihar.
He reacted, “Don’t talk nonsense here… Government is formed by people, not by an individual.… pic.twitter.com/P2bVw7vtb1Also Read
- 'अभी तो शादी ही नहीं हुई, कैसे बताऊं कि सुहागरात..,' लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने क्यों कहा ऐसा? वीडियो वायरल
- 'अवध के बाद अब मगध की बारी...,' मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर अखिलेश यादव ने कसा तंज
- 'वोटर अधिकार यात्रा' का बिहार में जमकर विरोध, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे तो राहुल गांधी ने पकड़ा दी टॉफी
— Press Trust of India (@PTI_News) August 30, 2025
तेज प्रताप ने दिया सियासी संदेश
इस बयान से साफ होता है कि तेज प्रताप अपनी छवि को एक विनम्र और जन-केंद्रित नेता के रूप में पेश करना चाहते हैं. उनका जोर इस बात पर रहा कि सत्ता व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जनता की इच्छा से मिलती है. जहानाबाद की सभा में मौजूद लोगों ने उनकी इस बात का समर्थन किया, लेकिन कुछ ने इसे तेजस्वी यादव के प्रति निशाना मानते हुए सियासी रणनीति के तौर पर देखा. यह घटना बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन की रणनीति पर बहस को तेज कर सकती है.