पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. मतगणना की शुरुआत में कुछ देर के लिए चर्चा हुई कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ी, सच्चाई सामने आ गई.
जन सुराज पार्टी बुरी तरह पीछे छूट गई और प्रशांत किशोर का दावा धराशायी हो गया. शुक्रवार सुबह मतगणना शुरू होते ही जन सुराज पार्टी को दो सीटों पर बढ़त मिली. पार्टी कुल 243 में से 238 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी.
ऐसे में लग रहा था कि नई पार्टी कुछ कमाल दिखा सकती है लेकिन यह बढ़त ज्यादा देर नहीं टिकी. सुबह 10 बजे तक एनडीए गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया. इसके कुछ समय बाद ही एनडीए तो 150 सीटों के पार पहुंच गया.
भाजपा और नीतीश कुमार की जदयू की अगुवाई वाला गठबंधन पूरी तरह हावी हो गया. छोटे सहयोगी जैसे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी मजबूत दिखे.
एग्जिट पोल ने पहले ही जन सुराज को फ्लॉप बता दिया था. कई पोल तो जीरो सीटें बता रहे थे. प्रशांत किशोर खुद कह चुके थे कि या तो पार्टी शानदार करेगी या पूरी तरह हार जाएगी. अब नतीजे बता रहे हैं कि हार ही हुई है.
जन सुराज को वोट शेयर में भी निराशा हाथ लगी. एक एग्जिट पोल, पीपुल्स पल्स, ने कहा था कि पार्टी को करीब 10 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जो कांग्रेस से ज्यादा होता. एनडीए को 46.2 प्रतिशत और विपक्षी महागठबंधन को 37.9 प्रतिशत वोट बताए गए थे.
प्रशांत किशोर को चुनाव का 'एक्स फैक्टर' माना जा रहा था. उन्होंने पहले नीतीश कुमार के लिए 2015 में बिहार जीता, आंध्र में जगन मोहन रेड्डी के लिए 2019 में और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए 2021 में बड़ी जीत दिलाई.
मतगणना आगे बढ़ने के साथ जन सुराज की हालत और खराब होती गई. एनडीए की जीत पक्की हो गई और विपक्ष भी मजबूत नहीं दिखा. जन सुराज न तो सीट जीत पाई और न ही वोट शेयर में कमाल कर पाई.
यह नई पार्टी का पहला चुनाव था लेकिन फ्लॉप साबित हुआ. प्रशांत किशोर के बड़े-बड़े दावे हवा हो गए. बिहार की जनता ने एनडीए पर भरोसा जताया और जन सुराज को नकार दिया.
प्रशांत किशोर ने इस चुनाव में दावा किया था कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 25 से अधिक सीटें नहीं जीतने वाली है. उनका कहना था कि अगर इससे अधिक सीटें जेडीयू जीत गई तो वे राजनीति छोड़ देंगे. ऐसे में अब देखना होगा कि वे राजनीति छोड़ेंगे या फिर अपने दावे से पीछे हटते हैं.