पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना में आज सुबह से ही रोमांच बढ़ गया है. जैसे-जैसे काउंटिंग आगे बढ़ रही है मुकाबला पूरी तरह कांटे का हो गया. बीजेपी और जेडीयू दोनों ही 72 सीटों पर बराबरी पर चल रही हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के लिए टेंशन बढ़ गई है. इन नतीजों ने राज्य के राजनीतिक माहौल को पूरी तरह गर्म कर दिया है.
चुनाव आयोग लगातार अपडेट जारी कर रहा है. सुबह से लेकर अब तक कई सीटों पर बढ़त में बदलाव होता रहा, जिससे प्रत्याशियों के साथ-साथ राजनीतिक दलों की धड़कनें भी बढ़ती जा रही हैं. इस बीच जेडीयू और बीजेपी की बराबर सीटें चुनाव के अंदरूनी समीकरणों को दिलचस्प बनाती हैं.
एनडीए के भीतर इस बराबरी ने कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है. नीतीश कुमार के लिए यह स्थिति अलग तरह की चिंता पैदा कर रही है. महागठबंधन की ओर से भी काउंटिंग पर पूरा फोकस रखा गया है. अभी अंतिम परिणाम आने में समय लग सकता है, इसलिए तस्वीर बदलने की पूरी संभावना बनी हुई है. कई सीटों पर अंतर बेहद कम है, जिससे काउंटिंग के हर राउंड का महत्व बढ़ गया है. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से होगी.
बिहार की जनता की निगाहें अब इस बात पर टिक गई हैं कि अंत में सत्ता का ताज किसके सिर पर जाएगा. एनडीए और आरजेडी दोनों ही दावा कर रहे हैं कि अंतिम नतीजे उनके पक्ष में आएंगे. मुकाबला जितना रोचक है, उतनी ही राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है. अब सभी की नजरें फाइनल रिजल्ट पर हैं, जो राज्य की आगामी राजनीति की दिशा तय करेगा.
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा था कि चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. शाह ने यह बयान तब दिया जब लगातार राजनीतिक हलकों में यह चर्चा थी कि एनडीए के भीतर नेतृत्व को लेकर असमंजस है. उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए पूरी एकजुटता के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है और मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए. शाह ने जोर देकर कहा कि नीतीश ही मुख्यमंत्री हैं और चुनाव जीतने के बाद भी वही इस पद पर बने रहेंगे.