Land for Jobs Scam: राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चल रहे "लैंड फॉर जॉब्स" मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति एम. एम. सुन्दरश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले में सीबीआई की एफआईआर को रद्द करने संबंधी लालू यादव की याचिका पर जल्द सुनवाई करे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष अदालत ने लालू यादव को ट्रायल कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट भी प्रदान की है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह छूट ट्रायल की प्रक्रिया को रोकेगी नहीं और मामले की सुनवाई जारी रहेगी. इससे पहले, 29 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि "फिलहाल कोई ठोस कारण नजर नहीं आता जिससे इस प्रक्रिया को रोका जाए." हाई कोर्ट ने CBI को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 अगस्त तय की है.
यह मामला उस कथित घोटाले से जुड़ा है जिसमें लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर में ग्रुप डी की भर्तियां की गई थीं. आरोप है कि इन नियुक्तियों के बदले भर्ती किए गए व्यक्तियों या उनके परिजनों से जमीन के टुकड़े लालू यादव के परिवार या करीबी लोगों के नाम पर लिए गए.
CBI का आरोप है कि यह पूरा मामला भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश से जुड़ा है. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनके द्वारा रियायती दर पर या बिना किसी कीमत के जमीन हस्तांतरित करवाई गई.
हालांकि, लालू यादव और उनके परिवार ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित और निराधार बताया है. अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक नहीं लगाई है, दिल्ली की ट्रायल कोर्ट इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ा सकेगी और हाई कोर्ट अगस्त में इस मामले की वैधता पर निर्णय करेगा.