Patna Gangster Murder: पटना के नामी पारस अस्पताल में गुरुवार को दिनदहाड़े हुए गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या मामले में नए खुलासे सामने आए हैं. जांच में पता चला है कि हत्या की यह वारदात पूरी तरह योजनाबद्ध थी. छह सदस्यीय हमलावर गैंग को न सिर्फ अस्पताल की पूरी रूपरेखा की जानकारी थी, बल्कि उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था की खामियों और खराब ताले का भी फायदा उठाया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बताया कि छह हमलावर दो मोटरसाइकिल पर अस्पताल पहुंचे थे. इनमें से पांच अंदर दाखिल हुए जबकि एक बाहर निगरानी के लिए रुका रहा. हमलावरों का नेतृत्व तौसीफ बादशाह नामक अपराधी कर रहा था, जो पहले भी जेल जा चुका है और अस्पताल में अक्सर आता-जाता रहा है. बताया जा रहा है कि वह अस्पताल के हर कोने से परिचित था क्योंकि उसका एक करीबी लंबे समय तक वहीं इलाज करवा रहा था.
Patna, Bihar: CCTV footage from Paras Hospital shows five armed assailants entering the facility, shooting dead Chandan Mishra, an accused in multiple murder cases, who was on parole and undergoing treatment, and then fleeing the scene pic.twitter.com/1XJe26gge3
— IANS (@ians_india) July 17, 2025
अस्पताल के इमरजेंसी गेट पर सुरक्षा गार्ड ने पहले उन्हें रोकने की कोशिश की और गेट पास मांगा, लेकिन किसी के पास पास नहीं था. इसके बाद सभी हमलावर OPD के रास्ते अंदर घुसे और सीधे रूम नंबर 209 में पहुंचे, जहां चंदन मिश्रा भर्ती था. अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों को पहले से मिश्रा के कमरे और उसकी स्थिति की पूरी जानकारी थी.
रूम नंबर 209 का ताला पहले से खराब था और अंदर से बंद नहीं हो सकता था, जिससे हमलावरों को अंदर घुसने में कोई परेशानी नहीं हुई. कमरे में घुसते ही उन्होंने चंदन मिश्रा पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद सभी हमलावर अस्पताल से बाहर निकल गए और सीसीटीवी फुटेज में उन्हें बाहर जश्न मनाते और बाइक से भागते हुए देखा गया.
घटना के बाद पटना सेंट्रल रेंज के आईजी जितेंद्र राणा ने कहा, “चंदन मिश्रा एक आपराधिक पृष्ठभूमि का व्यक्ति था और इलाज के लिए पैरोल पर बाहर आया था. हत्या के पीछे रंजिश है. यह भी संभव है कि सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत हो, जिसकी जांच की जा रही है.” चंदन मिश्रा, उम्र 36 वर्ष, बक्सर जिले का निवासी था और एक हत्या के मामले में सजा काट रहा था. उसे इलाज के लिए बेउर जेल से पैरोल पर रिहा किया गया था.