भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल इन दिनों सुर्खियों में हैं. लीड्स टेस्ट मैच में उनकी बल्लेबाजी ने जहां प्रशंसा बटोरी, वहीं उनके क्षेत्ररक्षण ने आलोचनाओं का तूफान खड़ा कर दिया. इस बीच, घरेलू क्रिकेट से जुड़ी एक बड़ी खबर ने सभी का ध्यान खींचा है. यशस्वी जायसवाल ने मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के लिए खेलना जारी रखने का फैसला किया है, जिसके बाद उनके अन्य राज्य की टीम से जुड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है.
यशस्वी की बल्लेबाजी और फील्डिंग पर चर्चा के बीच घरेलू क्रिकेट से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई. 23 वर्षीय इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अप्रैल 2025 में मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगकर सबको हैरान कर दिया था. उनका यह अनुरोध किसी अन्य राज्य की टीम के लिए खेलने की इच्छा को दर्शाता था. खबरें थीं कि यशस्वी गोवा की टीम से जुड़ सकते हैं, जहां उन्हें कप्तानी का प्रस्ताव भी मिला था. एमसीए ने शुरू में उनके एनओसी अनुरोध को स्वीकार भी कर लिया था. हालांकि, सोमवार को एमसीए ने घोषणा की कि यशस्वी ने अपना एनओसी अनुरोध वापस ले लिया है और वह मुंबई के लिए खेलना जारी रखेंगे.
लीड्स टेस्ट मैच की पहली पारी में यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतक जड़कर क्रिकेट प्रशंसकों का दिल जीत लिया. उनकी आक्रामक और तकनीकी रूप से मजबूत बल्लेबाजी ने साबित कर दिया कि वह भारतीय टेस्ट टीम के भविष्य के सितारे हैं. हालांकि, मैच के अंत तक उनकी छवि को धक्का लगा, जब उन्होंने कई महत्वपूर्ण कैच छोड़े. इन गलतियों का खामियाजा भारतीय टीम को हार के रूप में भुगतना पड़ा. यशस्वी की फील्डिंग की कमजोरी ने सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट पंडितों तक के बीच तीखी आलोचना को जन्म दिया.
यशस्वी का क्रिकेट सफर
उत्तर प्रदेश के भदोही में जन्मे यशस्वी जायसवाल ने मुंबई में अपनी क्रिकेट यात्रा शुरू की थी. कम उम्र में ही उन्होंने अपनी प्रतिभा से सभी का ध्यान खींचा. अंडर-19 विश्व कप 2020 में शानदार प्रदर्शन और घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाने के बाद वह भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने में सफल रहे. उनकी तकनीक, धैर्य और आक्रामकता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक भरोसेमंद सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया है.