Shane Warne: आईपीएल 2024 में संजू सैमसन की कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स अपना दूसरा खिताब जीतने की कोशिश में है. इस सीजन टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 11 में से 8 मुकाबले जीतकर प्वाइंट टेबल में नंबर 2 पर कब्जा किया हुआ है. एक और जीत उसे प्लेऑफ में ले जाएगी. ये वही टीम है, जिसने इस लीग का पहला खिताब जीता था. साल 2008 में इस टीम को स्पिनर के जादूगर शेन वॉर्न ने अपनी कप्तानी में चैंपियन बनाया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लीग के शुरू होने से 10 दिन पहले ही वॉर्न ने इस फ्रेंचाइजी को छोड़ने की धमकी दी थी. अगर वॉर्न ने उस वक्त फ्रेंचाइजी छोड़ दी होती तो शायद राजस्थान चैंपियन नहीं बनती.
दरअसल, आईपीएल के पहले सीजन के आगाज से 10 दिन पहले शेन वॉर्न की टीम के मालिक मनोज बडाले से बहस हो गई थी. टीम का कैंप चल रहा था, जिसमें रवींद्र जडेजा और स्वप्निल असनोदकर ने सभी को प्रभावित किया था. टीम के मालिक मनोज 16 सदस्यीय टीम में कुछ और खिलाड़ियों को रखना चाहते थे, जिसे शेन वॉर्न ने आसिफ बताया है, जो वॉर्न को प्रभावित नहीं कर पाए थे, वॉर्न ने इस खिलाड़ी को टीम में लेने से मना कर दिया था. इस प्लेयर को लेकर उनकी मालिक से तू-तू मैं-मैं भी हुई थी.
शेन वॉर्न अपने फैसले पर कायम थे. उन्होंने यह धमकी तक दे डाली थी कि अगर ये खिलाड़ी टीम में आया तो वह फ्रेंचाइजी का पैसा लौटा कर चल देंगे. इस बात की जिक्र वॉर्न ने अपनी आत्मकथा में किया है. वॉर्न ने लिखा है 'अगर मैं आसिफ को टीम में लेकर आऊंगा, उनको पता है कि वह ज्यादा खास नहीं है और वह यहां इसलिए हैं, क्योंकि यहां फेवरेटिज्म हैं. यहीं मैं खिलाड़ियों को खो दूंगा. इसलिए अगर आप आसिफ को टीम में चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन मैं आपका पैसा लौटा दूंगा- मैं इसका हिस्सा नहीं होना चाहता.' मनोज ने पूछा, क्या वाकई में तुम ऐसा करोगे?, वॉर्न ने कहा, 'निश्चित तौर पर.'
शेन वॉर्न का जवाब सुनकर टीम के मालिक मनोज मान गए. इसके बाद उन्होंने ने वॉर्न के खिलाड़ी को टीम की शर्ट में डगआउट में लाने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वॉर्न अपने फैसले पर कायम रहे. उन्होंने साफ-साफ कह दिया था कि 'नहीं, ये एरिया हमारे लिए काफी छोटा है. और वैसे भी मैं नहीं चाहता कि वे यहां बैठें, क्योंकि फिर यही लगेगा कि हम उसका फेवर कर रहे हैं. मनोज ने कहा, “ठीक है.