Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति के दिन घरों में कई प्रकार के पकवान बनाए और खाए जाते हैं, जिनमें से कुछ खास पकवानों का खास महत्व होता है. इन खास पकवानों में खिचड़ी, चावल, गुड़ और तिल का नाम प्रमुख है. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों के बीच मकर संक्रांति पर दही-चुड़ा खाने का एक अलग ही उत्साह होता है. दही-चुड़ा न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. यह डिश मिनटों में तैयार हो जाती है और इसमें आप चीनी, गुड़ या पाउडर चीनी का उपयोग कर सकते हैं. कुछ लोग दही-चुड़ा में ताजे फल और सूखे मेवे भी डालते हैं ताकि इसका स्वाद और बढ़ सके .आइए जानें दही-चुड़ा बनाने की विधि.
मकर संक्रांति के दिन दही-चुड़ा खाना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. यह केवल एक स्वादिष्ट पकवान नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है. दही-चुड़ा सूर्य देवता का प्रिय प्रसाद माना जाता है. इस दिन सूर्य देवता को दही-चुड़ा अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. कहा जाता है कि मकर संक्रांति पर दही-चुड़ा खाने से किस्मत और समृद्धि में वृद्धि होती है. इसके अलावा, दही-चुड़ा खाने से ग्रह दोष भी दूर होते हैं.
दही-चुड़ा पेट के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और पाचन तंत्र को भी स्वस्थ बनाए रखता है. अगर आपका पेट खराब है या भोजन से ज्वर (food poisoning) हुआ है, तो दही-चुड़ा खा सकते हैं. दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया आंतों को स्वस्थ रखते हैं. दही-चुड़ा खाने से वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि इसमें ज्यादा मिठाई का प्रयोग न करें.
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