Mahatma Gandhi Blood Pressure: आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या दुनिया में काफी तेजी से फैल रही है. WHO के मुताबिक, दुनिया में 128 करोड़ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी का सामना कर रहे हैं. वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक भारत देश में 4 लोगों में 1 शख्स हाई ब्लड प्रेशर का शिकार है. आम जनता ही नहीं हाई ब्लड प्रेशर के कई बड़े स्टार्स और नेता इसके शिकार हैं. क्या आपको पता है महात्मा गांधी भी हाई ब्लड प्रेशर के मरीज थे.
महात्मा गांधी की हेल्थ रिपोर्ट नेशनल म्यूजियम में रखी हुई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर ने बताया कि उनका ब्लड प्रेशर हाई रहता था और शुगर लेवल कम रहता था. कभी-कभी शुगर लेवल 80 तक पहुंच जाता तो कभी 40 तक भी पहुंचते हुए देखा गया है. इन सब के बाद भी महात्मा गांधी दवा लेने से परहेज करते थे. इसके बावजूद कुछ उपाय को फॉलो करके महात्मा गांधी हमेशा फिट रहते थे. अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए कुछ टिप्स को फॉलो करते थे. आइए जानते हैं की कुछ बातों के बारे में .
महात्मा गांधी अपनी डाइट को लेकर काफी ईमानदार रहते थे. वह हमेशा डाइट, फास्ट, वॉकिंग पर ध्यान देते थे. कभी-कभी महात्मा गांधी दिन में 16 किलोमीटर तक चलते थे. गांधी दस्तावेज के मुताबिक एक दिन उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी. जिसके बाद भी दवा और दूध का सेवन नहीं कर रहे थे. लेकिन पत्नी कस्तूरबा गांधी की बात सुनकर उन्होंने बकरी का दूध पीना शुरू कर दिया था. महात्मा गांधी हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए अपने सिर पर मिट्टी रखते थे. अपने इलाज के लिए सर्पगंधा का इस्तेमाल करते थे. उस समय यह पाउडर की तरह भी मिलता था.
महात्मा गांधी अपनी डाइट को लेकर काफी ध्यान रखते थे. वह रोज सुबह 4 बजे उठते थे और गर्म पानी के साथ शहद लेते थे. इसके अलावा वह रोजाना स्वस्थ रहने के लिए दूध, दही, ब्रेड, लहसुन, शहद, उबला अंडा, सोयाबीन, पत्तेदार सब्जी, नारंगी, नीम की पत्ती, सेव, गन्ने का जूस का सेवन करते थे. गांधी जी को बीपी की परेशानी का सामना कर रहे थे लेकिन वह नेचुरल ट्रीटमेंट पर भरोसा करते थे.
अपने शरीर की शुद्धि के लिए नेचुरल उपाय के किताब पढ़ते थे. जिसके वजह से दवा में उनका इंटरेस्ट कम होता गया और फास्टिंग करना शुरू कर दिया था. बता दें, महात्मा गांधी ने हेल्थ को लेकर किताब भी लिखी है.
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