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देश में कई जगह बैन, हर बार होता है विवाद फिर भी क्यों BEEF खाते हैं लोग, जानें फायदे और नुकसान

Pros and Cons of Having Beef: भारत में गोमांस का इस्तेमाल एक मुश्किल विषय है जो कि कई पहलुओं को छूता नजर आता है. जहां एक तरफ भारत के कई राज्यों में गायों के कत्ल पर बैन लगा हुआ है तो अक्सर इसे खाने को लेकर कई विवाद भी खड़े होते नजर आते हैं. वहीं दूसरी तरफ एक चौंका देने वाली सच्चाई ये भी है कि देश में गोमांस की खपत भी कम नहीं है.

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BEEF Consumption in India

Pros and Cons of Having Beef: हाल ही में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मंडी से बीजेपी प्रत्याशी और अभिनेत्री कंगना रनौत पर बीफ खाने का आरोप लगाते हुए लिखा कि जो बीजेपी गौरक्षा करने की बात करती है उसने उस कंगना को टिकट दिया है जिन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि उन्हें बीफ खाना पसंद है. विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि कंगना अभी भी बीफ खाती है जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी विरोध भी देखने को मिला.

हालांकि कंगना ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए सफाई दी और कहा कि न तो पहले और न ही अब वो गोमांस नहीं खाती है. ये आरोप सिर्फ उनकी छवि खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब देश में गोमांस के खाने को लेकर विवाद हुआ है, पहले भी कई बार ऐसे मामले देखने को मिले है, कुछ मौकों पर तो ये हिंसक रूप भी ले लेते हैं. लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि देश में इसके बावजूद बीफ की खपत कम नहीं हो रही है. 

ऐसे में आइए एक नजर उन कारणों पर डालते हैं जिसके चलते लोग बीफ खाने से परहेज नहीं करते हैं. इसे खाने के फायदे और नुकसान को समझने की कोशिश करते हैं- 

क्यों खाते हैं लोग गोमांस?

  • गोमांस प्रोटीन का एक भरपूर स्रोत है, जो शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और ऊतकों की मरम्मत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसमें आयरन भी पाया जाता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक होता है. इसके अलावा, गोमांस में विटामिन B12 की भी अच्छी मात्रा होती है, जो तंत्रिका तंत्र के समुचित कार्य के लिए आवश्यक है.
  • गाय के मांस की बिक्री से पशुपालकों को आर्थिक लाभ होता है. साथ ही, गोवंश के चमड़े से जूते, बैग और अन्य चमड़े के सामान बनते हैं, जो एक महत्वपूर्ण उद्योग है. कई राज्यों में जहां गोवंश का वध कानूनी रूप से किया जाता है, वहां ये उद्योग पनपते हैं और रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं.
  • भारत एक विशाल देश है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में खानपान की आदतें भी विविध हैं. कुछ क्षेत्रों में, जैसे कि पूर्वोत्तर भारत और केरल में, सदियों से गोमांस पारंपरिक व्यंजनों का एक हिस्सा रहा है. वहाँ की जलवायु और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर खाद्य परंपराएं विकसित हुई हैं.

बीफ खाने के क्या नुकसान हैं?

धार्मिक आस्था: हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और उसका वध वर्जित है. कई लोगों की धार्मिक भावनाएँ गोमांस खाने से आहत हो सकती हैं. भारत जैसे बहुधार्मिक देश में खानपान के मामलों में संवेदनशीलता रखना जरूरी है.

स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं: बहुत अधिक मात्रा में या अस्वस्थ तरीके से पका हुआ गोमांस खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है और हृदय संबंधी रोगों का खतरा हो सकता है. साथ ही, गोमांस में संतृप्त वसा (saturated fat) की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ने और मधुमेह का खतरा भी बढ़ सकता है.

पर्यावरणीय प्रभाव: मवेशियों को बड़े पैमाने पर पाला जाना मीथेन गैस उत्सर्जन का एक प्रमुख कारण है. मीथेन एक ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देता है.  इसलिए, मांसाहार, विशेष रूप से गोमांस का अधिक सेवन पर्यावरण को भी प्रभावित कर सकता है.

बीफ खाने का विषय आदमी की निजी पसंद, धार्मिक आस्था, खानपान की आदतों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से जुड़ा हुआ है. जहां इसके सेवन से कुछ स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं, वहीं इसकी अधिकता नुकसानदायक भी हो सकती है. भारत जैसे देश में जहां विविधता है, वहीं खानपान में भी विविधता होनी चाहिए.