menu-icon
India Daily
share--v1

कौन हैं पहले ब्लाइंड CEO, कभी IIT ने किया था रिजेक्ट, अब बनी फिल्म

Who Is Srikanth Bolla: श्रीकांत बोला के लिए सफलता हासिल करना बिल्कुल आसान नहीं था. इस दौरान उन्होंने कई परेशानियों का सामना किया था. चलिए जानते हैं उनके बारें में.

auth-image
India Daily Live
Who Is Srikanth Bolla
Courtesy: Pinterest

Srikanth Bolla: बॉलीवुड एक्टर राजकुमार की फिल्म श्रीकांत रिलीज हो चुकी है. यह फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है. बता दें, बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव फिल्म में नेत्रहीन बिजनेसमैन श्रीकांत बोला का रोल प्ले कर रहे हैं.

फिल्म के रिलीज के बाद लोग जानने को बेताब हैं कि आखिर नेत्रहीन बिजनेसमैन श्रीकांत बोला हैं कौन? चलिए जानते हैं 2017 में फोर्ब्स  मैगजीन में पूरे एशिया में 30 अंडर 30 की लिस्ट में शामिल होने वाले श्रीकांत बोला के बारे में.

एजुकेशन सिस्टम पर ठोका केस

श्रीकांत बोला का जन्म 7 जुलाई 1991 आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ था. वह जन्म से ही नेत्रहीन हैं. श्रीकांत का बचपन से ही सपना था कि वह IIT की पढ़ाई करें. इस वजह से उन्होंने 12वीं की पढ़ाई साइंस से करने का फैसला लिया था. लेकिन नेत्रहीन होने के कारण उनके एडमिशन नहीं दिया गया. जिसकी वजह से श्रीकांत ने एजुकेशन सिस्टम पर केस ठोक दिया और 6 महीने की लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें स्कूल में एडमिशन मिल गया.

IIT में नहीं मिला एडमिशन 

श्रीकांत बोला पढ़ाई में काफी अच्छे थे. उन्होंने 12वीं क्लास में टॉप किया था. श्रीकांत बोला के लिए IIT की पढ़ाई करने का सपना पूरा करना बेहद मुशिकल रहा क्योंकि 10-10 बार उन्हें IIT कोचिंग से रिजेक्ट कर दिया गया था. श्रीकांत बोला ने एडमिशन लेने की काफी कोशिश की लेकीन फिर भी उन्हें दाखिला नहीं मिला.

स्टार्टअप शुरू करने का लिया फैसला

श्रीकांत बोला का IIT में पढ़ाई करने का सपना पूरा भले नहीं हो पाया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. इसके बाद श्रीकांत को US के MIT में एडमिशन मिला. बता दें, श्रीकांत बोला MIT के पहले ब्लाइंड स्टू़डेंट थे. MIT में पढ़ाई के दौरान श्रीकांत बोला को कई जॉब ऑफर हुए लेकिन उन्होंने इंडिया आकर अपना स्टार्टअप शुरू करने का फैसला लिया. श्रीकांत बोला ने विकलांग व्यक्तियों को अपनी बोलैंट इंडस्ट्रीज का स्थापना करने के बाद रोजगार का अवसर दिया. यह इंडस्ट्रीज की शुरूआत उन्होंने साल 2012 में की थी. कंपनी की स्थापना के बाद रतन टाटा से भी फंडिंग मिली थी. 

आसान नहीं था सफर

साल 2005 में श्रीकांत बोला भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम द्वारा शुरू किया लीड इंडिया 2020:द सेकेंड नेशनल यूथ मूवमेंट के सदस्य बन गए.  इस मूवमेंट ने भारत को गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी को नष्ट करके 2020 तक विकसित राष्ट्र बनाने का प्रयास किया. नेत्रहीन होने के कारण श्रीकांत बोला की जिंदगी बिल्कुल आसान नहीं थी. श्रीकांत के परिवार को रिश्तेदार ने कई उन्हें छोड़ने के सलाह दी थी. स्कूल लाइफ के दौरान श्रीकांत के दोस्त उनका काफी मजाक बनाते थे. लेकिन फिर भी श्रीकांत इन बातों से निराश नहीं हुए और अपनी जिंदगी खुद बनाने का फैसला लिया. 

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!