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रूस ने कर ली तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी! नाटो देशों में खलबली, जर्मनी ने निपटने के लिए बनाया प्लान

जर्मनी की सेना ने कई प्रमुख हथियार कम्पनियों से संपर्क किया है कि क्या वे नाटो के पूर्वी हिस्से पर रूसी हमले की स्थिति में रसद सहायता प्रदान कर सकती हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
नाटो की तैयारियां
Courtesy: @NATO

जर्मनी की सेना ने कथित तौर पर नाटो के पूर्वी हिस्से पर रूसी हमले की स्थिति में संभावित रसद सहायता पर चर्चा करने के लिए कई प्रमुख हथियार कंपनियों से संपर्क किया है. ऐसा माना जा रहा है कि बुंडेसवेयर ने व्लादिमीर पुतिन के रूस के प्रति बढ़ते भय के बीच रक्षा कंपनी राइनमेटल, सरकारी रेलवे ऑपरेटर डॉयचे बान और एयरलाइन लुफ्थांसा जैसी कंपनियों के साथ बातचीत की है , जिससे नाटो सदस्य देशों में चिंता की स्थिति पैदा हो गई है.

जर्मनी के हैंडल्सब्लाट अखबार के अनुसार, देश के सशस्त्र बलों ने गठबंधन की पूर्वी सीमा पर सैनिकों और उपकरणों की तैनाती में सहायता करने के लिए इन कंपनियों से संपर्क किया है. जर्मनी ने नाटो से जुड़े किसी भी महत्वपूर्ण युद्ध के 30 दिनों के भीतर 35,000 सैनिक और 200 से अधिक विमान और जहाज उपलब्ध कराने की इच्छा जताई है.

इधर, बुंडेसवेयर की ऑपरेशनल कमांड ने कहा कि जर्मन सेना "संकटग्रस्त क्षेत्रों के बाहर सैन्य सामान और उपकरणों के रसद परिवहन के लिए लगभग पूरी तरह से नागरिक कॉमर्शियल सेवा प्रदाताओं पर निर्भर करती है. 

जर्मनी की सैन्य तैयारियां

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि जर्मन रक्षा मंत्रालय, लुफ्थांसा और राइनमेटल ने इन रिपोर्टों पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन डॉयचे बान ने कहा है कि वह सैन्य रसद के बारे में विवरण का खुलासा नहीं कर सकता है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब रूस के साथ तनाव बढ़ रहा है और यूरोपीय सुरक्षा के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता पर चिंताएं बढ़ रही हैं.

ट्रंप प्रशासन नहीं करेंगे नाटो के आर्टिकल 5 का सम्मान 

इस दौरान जर्मनी के भावी चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने पहले ही चिंता जताई थी कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन नाटो के आर्टिकल 5 का सम्मान नहीं करेंगे, जिसमें यह प्रावधान है कि किसी एक सहयोगी पर हमला सभी पर हमला माना जाएगा. दरअसल, पिछले महीने, जर्मन सांसदों ने कड़े लोन नियमों को आसान बनाकर रक्षा खर्च में वृद्धि को मंजूरी दी. इस फैसले से बर्लिन के रक्षा बजट के लिए अरबों यूरो मुक्त होने की उम्मीद है.

नाटो की सैन्य तैयारियां

जर्मनी, जो यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उसके द्वारा 2024 में रक्षा पर अपनी जीडीपी का 2.12% खर्च करने का अनुमान लगाया गया था - जो 2% के टारगेट से ज्यादा है, लेकिन कई अन्य नाटो देशों से पीछे है. बता दें कि, इस साल की शुरुआत में, 3,000 से ज्यादा ब्रिटिश सैनिकों ने संभावित रूसी हमले के खिलाफ नाटो की पूर्वी सीमा को मजबूत करने के लिए एक पूर्वाभ्यास में भाग लिया था. यह बड़े पैमाने का बहुराष्ट्रीय अभ्यास यूक्रेनी सीमा के पास दक्षिण-पूर्व रोमानिया में हुआ.

जानिए डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

हालांकि, इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस-यूक्रेन की स्थिति पर अपने विचार शेयर किए थे, और ट्रुथ सोशल पर बहुत शांति से लिखा था: "उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन इस सप्ताह एक समझौता कर लेंगे. इसके बाद दोनों देश अमेरिका के साथ बड़ा व्यापार करना शुरू कर देंगे, जो कि फल-फूल रहा है, और खूब धन कमाएंगे!"

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