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तू है डायन कहकर 60 साल की महिला से लिया दुश्मनी का बदला, गला काटकर जंगल में फेंका शव; ऐसे खुली पोल

झारखंड के जमशेदपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. 60 वर्षीय भावी सिंह नाम की एक बुजुर्ग महिला पर तीन अन्य महिलाओं ने हमला कर उनका गला रेत दिया.

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Edited By: Princy Sharma
Jharkhand News
Courtesy: Social Media

झारखंड के जमशेदपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. 60 वर्षीय भावी सिंह नाम की एक बुजुर्ग महिला पर तीन अन्य महिलाओं ने हमला कर उनका गला रेत दिया. यह घटना 4 अगस्त को बोराम थाना क्षेत्र के धोपानी गांव के पास हुई. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब भावी सिंह अपनी पेंशन लेने बाजार जा रही थीं, तो तीनों महिलाओं ने उनका पीछा किया. थाना प्रभारी मनोहररंजन कुमार के अनुसार, आरोपियों में से एक महिला ने उन पर 'गौली' नामक धारदार हथियार से हमला कर उन्हें घायल कर दिया. बाद में, महिला का शव जंगल में मिला. पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जादू-टोना निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है.

पहले भी हो चुकी है उसकी पिटाई

पीड़िता के परिवार का कहना है कि उसे सालों से डायन बताकर परेशान किया जा रहा था. उसकी तीन बहुओं में से एक ने बताया कि आरोपी महिलाओं ने पहले भी उनके घर में घुसकर भावी सिंह की पिटाई की थी और उसे मारने की साजिश रची थी. वह कहती हैं कि गांव में जब भी कोई अप्रिय घटना घटती थी, तो भावी सिंह को ही दोषी ठहराया जाता था.

पीड़िता के भतीजे गोपीनाथ सिंह कहते हैं, 'पूरा गांव हमारे खिलाफ है और हम पर दबाव डाला जा रहा है. मेरी मां को कई सालों से डायन कहा जाता रहा है.' वह पुलिस पर इस मामले में डायन-बिसाही की परंपरा को कम करके आंकने का भी आरोप लगाते हैं.

पुलिस ने क्या कहा? 

पुलिस का कहना है कि हत्या सिर्फ डायन कहे जाने की वजह से नहीं हुई थी. आरोपी और पीड़िता के बीच लगभग दो साल से निजी दुश्मनी थी. दोनों एक ही परिवार से थे और साथ रहते थे. थाना प्रभारी ने स्पष्ट किया कि, 'यह पूरा मामला डायन-बिसाही की परंपरा से जुड़ा नहीं है. विवादों का इतिहास रहा है.' वे उसके पति की मृत्यु के बाद से ही उसे परेशान कर रही थीं.

भावी सिंह के बेटे ने दिया बयान

भावी सिंह के बेटे सुधीर सिंह ने कहा कि तीनों आरोपी महिलाएं उसकी दूर की रिश्तेदार हैं. उन्होंने कहा, 'मां को अक्सर डायन कहा जाता था. ये बातें मेरे पिता की मृत्यु के लगभग 6-7 साल बाद शुरू हुईं. मां ने कभी काला जादू नहीं किया था, फिर भी उन्हें हर समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता था.' सुधीर ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी को भी डायन कहा जाता था. सुधीर ने बताया कि इस समस्या को लेकर गांव में कई बैठकें हुईं, लेकिन किसी ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा, 'किसी ने हमारी बात नहीं सुनी, इसलिए यह घटना घटी.'