Pakistan FATF Grey List: आतंकवाद के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को घेरने की तैयारी में है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत आगामी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में शामिल करने की मांग कर सकता है.
FATF की ग्रे लिस्ट में क्यों होना मायने रखता है
बता दें कि FATF की 'ग्रे लिस्ट' उन देशों की होती है जिन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में कड़ी निगरानी की जरूरत होती है. इस लिस्ट में आने पर किसी देश की अंतरराष्ट्रीय छवि और आर्थिक सहयोग पर नकारात्मक असर पड़ता है. फिलहाल 25 देश इस लिस्ट में हैं.
2022 में मिली थी राहत, अब फिर खतरा
वहीं, 2022 में पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया था, जिससे उसे अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थाओं से फंडिंग मिलने में आसानी हुई थी. लेकिन अब भारत उस राहत को खत्म करने की कोशिश में है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत पाकिस्तान को मिलने वाली विश्व बैंक की फंडिंग का भी विरोध करेगा. यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव के मद्देनजर उठाया जा रहा है.
आईएमएफ की फंडिंग पर भी उठे सवाल
बताते चले कि पाकिस्तान को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1 अरब डॉलर की सहायता मिली है. हालांकि, भारत का आरोप है कि यह फंडिंग आतंकियों को पालने में इस्तेमाल हो रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और इसे "आतंकवाद को अप्रत्यक्ष फंडिंग" बताया था.
मोदी की सख्त चेतावनी
इसके अलावा, बीकानेर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में चेतावनी दी, ''पाकिस्तान को हर आतंकवादी हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी... पाकिस्तान की सेना इसकी कीमत चुकाएगी, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इसकी कीमत चुकाएगी.'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को भारत के खिलाफ हथियार बनाया है, लेकिन अब यह हथियार उसी पर भारी पड़ेगा.