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India Daily

भारत को घुटने पर लाने की कसम खाने वाले 'आतंकिस्तान' ने कैसे 8 घंटे में टेके घुटने, CDS अनिल चौहान का बड़ा खुलासा

जनरल चौहान ने पुणे विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि भारत ने इन हमलों से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था और चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान ने कोई जवाबी कार्रवाई की, तो भारत और सख्ती से पलटवार करेगा.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Why Pakistan had to end 48 hour strike plan in just 8 hours CDS Anil Chauhan reveals

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में खुलासा किया कि पाकिस्तान ने भारत को 48 घंटे में "घुटनों पर लाने" की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना महज 8 घंटे में ध्वस्त हो गई. इसके बाद पाकिस्तान को मजबूरन युद्धविराम के लिए भारत से बात करनी पड़ी.

7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. जनरल चौहान ने पुणे विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि भारत ने इन हमलों से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था और चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान ने कोई जवाबी कार्रवाई की, तो भारत और सख्ती से पलटवार करेगा.

पाकिस्तान की 48 घंटे की योजना

जनरल चौहान ने बताया कि 10 मई को रात 1 बजे पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई समन्वित हमले शुरू किए. उनकी मंशा थी कि 48 घंटे में भारत को कमजोर कर दिया जाए. पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय सीमावर्ती शहरों को निशाना बनाया. लेकिन भारत ने इसका कड़ा जवाब दिया. जनरल चौहान ने कहा, "पाकिस्तान को लगा कि यह ऑपरेशन 48 घंटे चलेगा, लेकिन भारत के तेज और सटीक पलटवार ने इसे 8 घंटे में ही खत्म कर दिया." इसके बाद पाकिस्तान ने फोन लगाया और युद्धविराम की बात शुरू की.

भारत का कड़ा जवाब

पाकिस्तान के हमलों के जवाब में भारत ने और जोरदार कार्रवाई की. भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान के 11 हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया. जनरल चौहान ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान के हवाई रक्षा तंत्र को भेदकर 300 किलोमीटर अंदर तक सटीक हमले किए. इन हमलों ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद उन्हें युद्धविराम के लिए मजबूर होना पड़ा.

युद्धविराम, लेकिन सतर्कता बरकरार

10 मई की शाम को दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी. हालांकि, जनरल चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. यह केवल अस्थायी युद्धविराम है. जनरल चौहान ने कहा, "हमें अपनी चौकसी बनाए रखनी होगी. अगर पाकिस्तान ने फिर से कोई उकसावे की कार्रवाई की, तो भारत और सख्त जवाब देगा." उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान को तेजी से नुकसान होने के कारण उसने युद्धविराम के लिए भारत से संपर्क किया.

भविष्य की रणनीति

जनरल चौहान ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की "नई लाल रेखा" खींच दी है. उन्होंने सिंगापुर में शांग्री-ला डायलॉग में कहा कि भारत ने स्वदेशी हथियारों और रणनीतियों का इस्तेमाल कर अपनी ताकत दिखाई. उन्होंने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि भारत ने अपनी शुरुआती गलतियों को जल्दी सुधारा और दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले किए.