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क्या है तीन फेज वाला Truce Talk जिसे हमास ने तो माना लेकिन नहीं झुक रहा इजरायल? 

Israel Hamas War: फिलिस्तीन के चरमपंथी इस्लामिक संगठन ने गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है लेकिन इजरायल ने इसे मानने से इंकार कर दिया है. इजरायली सेना अब दक्षिणी गाजा के शहर रफाह पर भी जमीनी कार्रवाई शुरु कर चुकी है.

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Israel Hamas War: फिलिस्तीन के चरमपंथी इस्लामिक संगठन हमास ने सोमवार को कहा कि वह तीन चरणों वाले गाजा युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार करता है लेकिन इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया. इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इसमें प्रायोजित शर्तें बेहद नरम कर दी गई हैं. इजरायल का कहना है कि इस प्रस्ताव पर हमास रजामंदी जताकर दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि उसने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.  रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यस्थों में शामिल अमेरिका, मिस्र और कतर के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह इजरायल के बयान के बाद हमास की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पर हमास को राजी करने के लिए हम मध्य-पूर्व के अन्य सहयोगियों के साथ वार्ता करेंगे. 

हमास के अधिकारियों द्वारा युद्धविराम प्रस्ताव पर दी गई जानकारी के आधार पर समझौते में निम्नलिखित मुद्दे शामिल हैं. यह प्रस्ताव तीन चरणों में पूरा होगा. आइए समझते हैं इस प्रस्ताव से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु. 

क्या है पहले चरण के प्रस्ताव की शर्तें? 

हमास 33 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा चाहें वह किसी भी दशा में हों यानी जिंदा या मृत. इसके बदले में इजरायल प्रत्येक बंधक के बदले में 30 फिलिस्तीनी बच्चों और महिलाओं को छोड़ेगा. हमास ने इजरायली कैद में शामिल लोगों की एक लिस्ट भी मध्यस्थों को सौंपी है.  प्रस्ताव में कहा गया है कि सीजफायर के लागू होने के पहले दिन से ही आवश्यक ईंधन और पर्याप्त मात्रा में मानवीय सहायता, राहत सामग्री प्रदान करने की अनुमति दी जाए. गाजा पट्टी के सभी क्षेत्रों में मलबे को हटाने, पुनर्वास केंद्रों को शुरू करने और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए आवश्यक उपकरणों की सप्लाई की जाए साथ ही इसे युद्धविराम के हर चरण में संचालित किया जाए.  

हमास समझौते के तीसरे दिन तीन इजरायली बंधकों को रिहा करेगा और फिर हर सात दिनों में तीन और बंधकों को रिहा करेगा ऐसा करने में वह महिलाओं को प्राथमिकता देगा.  छठे हफ्ते में हमास इस चरण के अंतर्गत आने वाले सभी शेष नागरिक बंधकों को रिहा कर देगा.  इसके बदले में हमास द्वारा दी गई लिस्ट के अनुसार,  इजरायल अपनी जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की समझौते के आधार पर रिहा करेगा. इजरायल को आंशिक रूप से अपनी सेना को हटाना होगा और फिलिस्तीनी लोगों को दक्षिण से उत्तर तक मुक्त आवाजाही की अनुमति प्रदान करनी होगी. 

समझौते के तहत गाजा पट्टी के ऊपर प्रति दिन 10 घंटों के लिए सैन्य उड़ानों की मनाही होगी और जिस दिन बंधकों या कैदियों की अदला-बदली होगी उस दिन इसकी अवधि 12 घंटों की होगी. प्रस्ताव के तहत फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के तीसरे दिन इजरायली सेना उत्तरी गाजा के अल-रशीद से पूरी तरह हट जाएगी और अन्य स्थानों पर अपनी सैन्य चौकियों को नष्ट कर देगी. पहले चरण के 22वें दिन इजरायली सेना गाजा पट्टी के केंद्र और पूर्व में सलाह-अल दीन रोड से अपना नियंत्रण हटा लेगी. 


दूसरे फेज में ऑफ द टेबल होगी बातचीत? 

समझौते के तहत युद्धविराम का दूसरा चरण भी 42 दिनों की अवधि का होगा. इसमें गाजा में स्थायी शांति बहाल करने पर संबंधित पक्षों के बीच वार्ता की जाएगी. समझौते से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इजरायल और हमास गाजा में शांति बहाली के लिए ऑफ द टेबल बातचीत करने के लिए सहमत हुए हैं. इस फेज में गाजा से इजरायली सैनिकों की पूर्ण वापसी का प्रावधान है. इस फेज के तहत हमास इजरायल के कुछ सैनिकों को भी रिहा करेगा. यह सैनिक लंबे समय से फिलिस्तीनी जेलों में सजा काट रहे हैं. 

अहम होगा समझौते का तीसरा चरण? 

युद्धविराम के तीसरे चरण के अंतर्गत मध्यस्थ देशों और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में शवों का आदान-प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की निगरानी में विकास कार्य और पुनर्वास कार्यक्रमों को चलाया जाएगा. गाजा पट्टी को पूर्ण नाकेबंदी से राहत देना और 3-5 साल की कार्यान्वयन योजना के साथ घरों का निर्माण और नागरिक सुविधाओं पर ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा प्रभावित लोगों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा.