Syria Israel attack 2025: सीरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति अहमद अल-शराअ ने गुरुवार को ड्रूज समुदाय के खिलाफ हुए अत्याचारों को लेकर जवाबदेही सुनिश्चित करने का वादा किया. यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले इस्राइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में सैन्य मुख्यालय और राष्ट्रपति भवन के पास हवाई हमले किए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेलीविजन पर अपने पहले संबोधन में शराअ ने कहा, "हम उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जिन्होंने हमारे ड्रूज लोगों को नुकसान पहुंचाया है. हम यह कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि बाहरी ताकतें हमारे नागरिकों को अपनी साजिशों में घसीटें."
राष्ट्रपति शराअ ने ड्रूज नागरिकों को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया कि सरकार ड्रूज बहुल क्षेत्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब वहां के बुज़ुर्गों और स्थानीय समूहों को सौंप रही है. उन्होंने यह कदम समुदाय को स्वायत्तता देने और बाहरी हस्तक्षेप से बचाने के उद्देश्य से उठाया है. उन्होंने अपने भाषण में कहा, "हम युद्ध से डरने वालों में से नहीं हैं. हमने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है और अपने लोगों की रक्षा की है लेकिन हमने सीरियाई जनता के हितों को अराजकता और विनाश से ऊपर रखा है."
शराअ ने यह भी दोहराया कि यदि सीरियाई लोगों की गरिमा पर खतरा आया तो वे युद्ध के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, "हमारी जनता शांति चाहती है लेकिन अपमान सहन नहीं करेगी. यदि हमारी आत्मसम्मान पर चोट आई तो हम लड़ाई के लिए भी तैयार हैं."
गौरतलब है कि बुधवार को इस्राइली वायुसेना ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में गहरे हमले किए थे. इन हमलों में सीरियाई सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया. इस्राइल ने अब तक इस हमले की सार्वजनिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन क्षेत्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह ईरान समर्थित ताकतों की गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया कदम था.
इस घटनाक्रम के बाद सीरिया के आंतरिक सुरक्षा ढांचे और अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति पर वैश्विक नजरें टिक गई हैं. राष्ट्रपति शराअ का यह बयान तनाव के माहौल को संभालने और घरेलू एकता बनाए रखने की दिशा में एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.