भारत के अंतरिक्ष इतिहास में शुभांशु शुक्ला ने एक नया अध्याय जोड़ दिया है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं, हाल ही में पृथ्वी पर लौटे हैं. पृथ्वी पर वापिस लौटने के बाद अमेरिका के ह्यूस्टन में उनके परिवार ने उनसे मुलाकात की, जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
गौरतलब है कि पैसिफिक ओशियन में सफल स्प्लैशडाउन के बाद शुभांशु शुक्ला को सबसे पहले मेडिकल जांच के लिए ह्यूस्टन स्थित एक विशेष सुविधा में लाया गया. वहां उनकी पत्नी कामना और चार वर्षीय बेटे ने उन्हें गले लगाकर स्वागत किया. कामना की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे, और शुक्ला अपने बेटे को कसकर गले लगा रहे थे. लगभग दो महीने बाद वह अपने परिवार से मिल पाए. प्रक्षेपण से पहले उन्हें 15 दिनों के लिए क्वारंटीन में रखा गया था, जो मिशन के बाद भी कुछ समय तक जारी रहा.
शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में 18 दिन बिताए और स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए 22 घंटे की यात्रा कर पृथ्वी पर लौटे. वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. लेकिन वह पहले भारतीय हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखा है. वहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया, जिससे भविष्य में अंतरिक्ष में मानव जीवन को लेकर नई संभावनाएं खुल सकती हैं.
शुक्ला का प्रमुख योगदान "स्प्राउट्स प्रोजेक्ट" नामक एक वैज्ञानिक अध्ययन में रहा, जिसमें माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि पर रिसर्च की गई. यह अध्ययन भविष्य में अंतरिक्ष में सतत खेती की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने बायोलॉजी, मैटेरियल साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे कई प्रयोगों में सक्रिय भूमिका निभाई.
अंतरिक्ष स्टेशन में उनके साथी उन्हें प्यार से ‘शक्स’ (Shux) कहकर बुलाते थे. शुभांशु का यह नाम उनके सहयोगी स्वभाव और सादगी का प्रतीक बन गया. अंतरिक्ष में रहते हुए उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को अपने अनुभव साझा किए, जिससे देशभर के युवाओं को प्रेरणा मिली. उनके मिशन ने न केवल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई, बल्कि देशवासियों के दिलों में एक नया जोश और उम्मीद भी जगा दी है.