USA Pak Relation: अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम और उससे जुड़ी वाणिज्यिक संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. वाशिंगटन के इस फैसले से पाक बौखला गया है. इसके लिए वह भारत की भी आलोचना कर रहा है. पाक विदेश मंत्रालय के कार्यालय ने कहा कि यह प्रतिबंध गैर जिम्मेदाराना हैं. हम इनकी आलोचना करते हैं. विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि अमेरिका ने इस्लामाद को बिना सबूत सौंपे ही यह प्रतिबंध लगा दिए.
पाक विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जहरा बलूच ने कहा कि हमें नए उपायों के बारे में जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई दफा ऐसे मौके आए हैं जब केवल संदेह के आधार पर लिस्टिंग की गई है. यह तब हुआ था जब वे संवेदनशील वस्तुओं की सूची में शामिल भी नहीं थीं. प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामबाद कई बार स्पष्ट कर चुका है ऐसी वस्तुओं का वाकई में वैध नागरिक इस्तेमाल होता है.
पाक ने कहा कि सामाजिक आर्थिक विकास के लिए तकनीक तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण इको सिस्टम की जरूरत है. पाक हमेशा से ही अंतिम उपयोगकर्ता सत्यापन तंत्र पर विमर्श के लिए तैयार रहा है. अमेरिका ने पाक के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम से जुड़ी चीजों की सप्लाई के लिए 3 चीनी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका ने वस्तुओं की सप्लाई करने वाली बेलारूस की एक फर्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
बलूच ने नाम लिए बिना ही भारत पर भी निशाान साधा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने कुछ देशों की उन्नत सैन्य तकनीकी सहायता के लिए जरूरी लाइसेंसिंग आवश्यकताओं को भी माफ कर दिया है. इस वजह से हथियार इकट्ठे हो रहे हैं और क्षेत्रीय विषमताओं को बढ़ावा मिल रहा है.