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India Daily

'आतंकवादियों का सुविधा केंद्र...', पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए दुनिया की महाशक्तियों को सबूतों वाला डॉजियर भेजेगा तालिबान

अफगानिस्तान के विदेश और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने एक डॉजियर को तैयार किया है. इसे तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा से मंजूरी मिलने के बाद क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों को भेजा जाएगा.

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Edited By: Anuj
Taliban

नई दिल्ली: तालिबान ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का मन बना लिया है. अब वह केवल जमीनी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव भी बनाएगा. इसी उद्देश्य के तहत तालिबान प्रशासन ने पाकिस्तान के आतंकवाद के समर्थन और मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े मामलों पर एक डॉजियर तैयार किया है, जिसे वैश्विक शक्तियों को भेजा जाएगा. इस डॉजियर में पाकिस्तान पर आरोप लगाए गए हैं कि वह आतंकवादियों को सहयोग प्रदान करता है और अफगान नागरिकों व शरणार्थियों के अधिकारों का उल्लंघन करता है.

पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाएगा तालिबान

रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के विदेश और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने इस डॉजियर को तैयार किया है. इसे तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा से मंजूरी मिलने के बाद क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों को भेजा जाएगा. डॉजियर में पाकिस्तान पर आरोप लगाया गया है कि वह 'आतंकवादियों का सुविधा केंद्र' बन चुका है. बलूचिस्तान में आईएसआई और मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) की मदद से ISIS और अन्य आतंकवादी समूहों को पाल रहा है. अफगान सरकार का दावा है कि उसके पास इन आरोपों को साबित करने के ठोस सबूत हैं.

'सुरक्षा तंत्र और द्विपक्षीय सहयोग के लिए तैयार'

डॉजियर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा आतंकवादी संगठनों को वित्तीय और लॉजिस्टिकल सहायता देने का भी उल्लेख है. अफगान तालिबान का कहना है कि इस वजह से पूरे क्षेत्र में उग्रवाद और असुरक्षा बढ़ रही है. हालांकि, तालिबान सरकार पाकिस्तान के साथ सुरक्षा तंत्र और द्विपक्षीय सहयोग के लिए तैयार है, लेकिन पाकिस्तान की मौजूदा मांगों को अवैध, अव्यावहारिक और नाजायज बताया गया है.

अमानवीय व्यवहार की कड़ी आलोचना की

इसके अलावा डॉजियर में पाकिस्तान द्वारा अफगान नागरिकों और शरणार्थियों के प्रति अमानवीय व्यवहार की कड़ी आलोचना की गई है. तालिबान सरकार ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने पिछले दो महीनों से बिना किसी वजह के सीमा पार करने पर रोक लगाई है और अफगान ट्रांजिट व्यापार को रोक रखा है. और साथ ही पाकिस्तान ने लंबे समय से अफगानिस्तान के भारत के साथ ट्रांजिट व्यापार को भी अवरुद्ध किया हुआ है. जबकि अफगानिस्तान एक लैंडलॉक देश है और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रांजिट अधिकार प्राप्त हैं.

कूटनीतिक तनाव बढ़ने की उम्मीद

इस डॉजियर के जरिए तालिबान न केवल पाकिस्तान के खिलाफ आरोपों को विश्व समुदाय के सामने पेश करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि तालिबान सरकार अपने नागरिकों और शरणार्थियों के अधिकारों की रक्षा के लिए गंभीर है. ऐसे में यह कदम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ा सकता है और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी असर डाल सकता है.