China And USA Ties: चीन बीते कई सालों से दक्षिण चीन सागर में अपना दबदबा बनाने के लिए काम कर रहा है. इसको लेकर कई देशों ने चीन से परेशान होकर उसकी निंदा भी की है. इस बीच चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका ने कमर कस ली है. दरअसल अमेरिका ने अपनी एक न्यूक्लियर सबमरीन यूएसएस कार्ल विंसन को साउथ चाइना सी में उतारा है. अमेरिका के इस कदम के बाद चीन भड़क गया है. इस पर चीन ने अमेरिका को धमकी दी कि अमेरिकी नेवी हमसे मुकाबला करने में सक्षम है.
चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के मुख्य समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी समुद्री विश्लेषकों के हवाले से कहा कि अमेरिकी नेवी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है. जानकारों के मुताबिक, चीन ने पश्चिमी प्रशांत महासागर में सैन्य श्रेष्ठता हासिल कर चुकी है.
चीन के जानकारों के अनुसार, साउथ चाइना सी में विंसन की तैनाती के बाद अमेरिका की आलोचना हो रही है. अमेरिका के इस कदम से फिलिपींस के साथ तनाव को बढ़ावा देना था. फिलिपींस, जापान, दक्षिण कोरिया दक्षिण और पूर्व चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों का विरोध करते रहे हैं.
USS कार्ल विंसन (सीवीएन 70 ) तीसरी निमित्ज कैटेगरी का परमाणु-संचालित एयरक्राफ्ट कैरियर है. इसका नाम जॉर्जिया के कांग्रेसी कार्ल विंसन के सम्मान में रखा गया है. यूएसएस कार्ल विंसन CSG में पांच मिसाइल क्रूजर और विध्वंसक शामिल हैं, जिनमें टिकोनडेरोगा कैटेगरी के. यूएसएस प्रिंसटन, अर्ले बर्क कैटेगरी के विध्वंसक . यूएसएस हॉपर, यूएसएस किड, यूएसएस स्टेरेट और यूएसएस विलियम पी. लॉरेंस शामिल हैं. यहां प्रवेश करने से पहले विंसन ने दक्षिण कोरिया की नेवी के साथ युद्धाभ्यास में भाग लिया था.