नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच करीब चार साल से चल रहा युद्ध क्या नए साल से पहले खत्म हो पाएगा, इस सवाल पर आज दुनिया की नजरें टिकी हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच आज फ्लोरिडा में अहम मुलाकात होने जा रही है. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की रणनीति तैयार करना है. दोनों नेताओं के बीच 20 सूत्रीय शांति योजना पर विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है.
व्हाइट हाउस ने पहले ही इस बैठक की पुष्टि कर दी है. यह मुलाकात फ्लोरिडा के पाम बीच में होगी. बैठक ऐसे समय हो रही है जब यूक्रेन लगातार रूसी हमलों का सामना कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध खत्म करने का दबाव बढ़ रहा है. ट्रंप ने साफ कहा है कि किसी भी संभावित शांति समझौते का अंतिम फैसला उन्हीं की मंजूरी से होगा. उनके इस बयान को अमेरिका की निर्णायक भूमिका के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने जेलेंस्की के शांति प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक वह इसे मंजूरी नहीं देंगे, तब तक कोई समझौता संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि वह जेलेंस्की के प्रस्ताव को गंभीरता से सुनेंगे. ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका इस समझौते में सुरक्षा गारंटी जैसे मुद्दों पर विचार कर सकता है. जेलेंस्की की योजना में अमेरिका और पश्चिमी देशों से मिलने वाली सुरक्षा गारंटी अहम हिस्सा मानी जा रही है.
जेलेंस्की ने ट्रंप से मुलाकात से पहले कहा है कि उनकी कोशिश है कि नए साल से पहले ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर सहमति बन जाए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन शांति के रास्ते में बाधा नहीं बन रहा है. जेलेंस्की का मानना है कि अगर मजबूत सुरक्षा गारंटी मिलती है तो युद्ध समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं.
इस बीच ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बातचीत के संकेत दिए हैं. ट्रंप का कहना है कि वह जेलेंस्की के साथ अच्छी बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं और पुतिन से भी जल्द संवाद करना चाहेंगे. हालांकि रूस ने इस बैठक को लेकर फिलहाल ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया है. इसके बावजूद अमेरिकी मध्यस्थता से किसी समाधान की उम्मीद जताई जा रही है.
ट्रंप से मिलने से पहले जेलेंस्की ने कई नाटो देशों के नेताओं से भी बातचीत की है. उन्होंने कनाडा, जर्मनी, फिनलैंड, डेनमार्क और एस्टोनिया जैसे देशों का दौरा किया. इन बैठकों में युद्ध समाप्ति, सुरक्षा सहयोग और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई.