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India Daily

रूस और उत्तर कोरिया के बीच फिर शुरू होगी यात्री ट्रेन सेवा, 10,000 किमी का सबसे लंबा रेल सफर

यह रेल सेवा न केवल यात्री परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच गहरे रणनीतिक संबंधों को भी दर्शाती है. यह कदम वैश्विक मंच पर दोनों देशों की एकजुटता का प्रतीक है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Passenger trains between Russia and North Korea set to resume
Courtesy: Social Media

रूस और उत्तर कोरिया ने मॉस्को और प्योंगयांग के बीच सीधी यात्री ट्रेन सेवा को इस महीने फिर से शुरू करने की योजना बनाई है. यह सेवा 2020 के बाद पहली बार शुरू होगी, जैसा कि रूस की सरकारी रेल कंपनी ने सोमवार को घोषणा की. यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का एक और प्रमाण है.

रूसी रेलवे ने उत्तर कोरिया के रेल मंत्रालय के साथ सहमति जताई है कि 17 जून से मॉस्को और प्योंगयांग के बीच महीने में दो बार ट्रेन सेवा शुरू होगी. यह 10,000 किलोमीटर (6,213 मील) से अधिक का सफर आठ दिन में पूरा होगा, जो दुनिया का सबसे लंबा सीधा रेल मार्ग है.

मॉस्को-प्योंगयांग ट्रेन सेवा की जल्द होगी वापसी

रूसी रेलवे ने बताया, "यह सेवा कोरियन स्टेट रेलवे द्वारा संचालित होगी, जिसमें मॉस्को-व्लादिवोस्तोक ट्रेन में उत्तर कोरियाई यात्री डिब्बे जोड़े जाएंगे और फिर दूसरी ट्रेन से जोड़ा जाएगा." इसके अलावा, 19 जून से प्योंगयांग और रूस के खाबरोव्स्क शहर, जो चीन की उत्तर-पूर्वी सीमा के पास है, उसके बीच भी सेवा शुरू होगी.

कोविड-19 के कारण रुकी थी सेवा

रूस और उत्तर कोरिया के बीच यात्री रेल सेवा फरवरी 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के साथ निलंबित कर दी गई थी. तब से दोनों देशों ने खासकर सैन्य क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाया है. पिछले साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जॉन्ग उन ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर किए थे.

सैन्य सहयोग और रेल संपर्क एक साथ

उत्तर कोरिया ने अप्रैल के अंत में पुष्टि की थी कि उसने रूस को यूक्रेन युद्ध में सहायता के लिए 10,000 से अधिक सैनिक और हथियार भेजे हैं, जिसने रूस को अपने पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र को यूक्रेन से वापस लेने में मदद की. जहां दोनों देश पहले से ही व्लादिवोस्तोक और उत्तर कोरिया के रासोन बंदरगाह शहर के बीच यात्री रेल सेवा संचालित करते हैं. इसके अलावा, मालवाहक रेल नेटवर्क भी दोनों देशों को जोड़ता है, हालांकि रूस माल ढुलाई के आकार का खुलासा नहीं करता.