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क्या राष्ट्रपति बनेंगे आर्मी चीफ असीम मुनीर? पाकिस्तान में सियासी हलचल तेज, शरीफ सरकार ने दी ये सफाई

पाकिस्तान में आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के राष्ट्रपति बनने की अटकलों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. हालांकि, देश के रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री ने इन दावों को बेबुनियाद बताया है, लेकिन आर्मी और सिविल लीडरशिप की हालिया बैठकों के बाद एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि क्या राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पद से हट सकते हैं.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Asim Munir, Army Chief
Courtesy: web

पाकिस्तान की सियासत इन दिनों अटकलों के भंवर में है. सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए यह चर्चा जोरों पर है कि क्या देश में एक बड़ा संवैधानिक बदलाव होने जा रहा है? क्या सेना प्रमुख असीम मुनीर राष्ट्रपति की कुर्सी संभाल सकते हैं? हाल ही में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और आर्मी चीफ मुनीर की मुलाकातों के बाद इन कयासों को और हवा मिल गई है.

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने पहले सेना प्रमुख असीम मुनीर से प्रधानमंत्री हाउस में मुलाकात की, और उसके बाद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से भी अलग से बातचीत की. इन दोनों बैठकों के बाद ही सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई कि क्या राष्ट्रपति पद पर बदलाव की तैयारी हो रही है. खबरें हैं कि 27वें संवैधानिक संशोधन की योजना पर भी बातचीत हो रही है, जिससे पाकिस्तान के संसदीय सिस्टम को राष्ट्रपति प्रणाली में बदला जा सकता है.

सरकार की सफाई और साजिश के आरोप

इन अटकलों पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सफाई देते हुए कहा कि "यह सिर्फ अफवाहें हैं." उन्होंने माना कि ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई थीं, जिन्हें बाद में शायद वापस भी ले लिया गया. प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने भी इन दावों को "महज कयास" बताया और कहा कि आर्मी चीफ असीम मुनीर ने कभी खुद को राष्ट्रपति बनाने की इच्छा नहीं जताई. इसी बीच, आंतरिक मंत्री मोसिन नक़वी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इन चर्चाओं को “दुष्प्रचार अभियान” बताया और कहा कि उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि इसके पीछे कौन लोग हैं.

गठबंधन की एकता और बदलाव की संभावनाएं

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह भी साफ किया कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच किसी भी तरह का तनाव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आरक्षित सीटों से जुड़े फैसले के बाद भी दोनों पार्टियों में कोई फूट नहीं आई है. उन्होंने कहा कि “हम सिर्फ सत्ता के साझेदार नहीं, उससे कहीं आगे हैं.” हालांकि, संविधान में बदलाव की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया गया. आसिफ ने कहा कि संविधान में संशोधन लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं और पहले भी समय-समय पर किए जाते रहे हैं.

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें बताया गया कि दोनों नेताओं ने देश की राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ने सरकार की नीतियों की जानकारी दी और दोनों ने मिलकर देश की स्थिरता और समृद्धि के लिए साथ काम करने का संकल्प दोहराया.